बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की ओर एक और कदम: बाल विवाह मुक्त भारत की पहल

दुर्ग । कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देशानुसार तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में ग्राम एम जामगांव (तहसील पाटन) में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ”, बाल विवाह निषेध एवं नशा उन्मूलन अभियान के अंतर्गत एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।



इस कार्यशाला में ग्राम के सरपंच, ग्रामीणजन, पंचायत सचिव, शिक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल हुए। महिला एवं बाल विकास विभाग, दुर्ग में पदस्थ चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के प्रतिनिधि आशीष साहू एवं चंद्रप्रकाश पटेल ने उपस्थितजनों को भिक्षावृत्ति, बाल विवाह रोकथाम, दत्तक ग्रहण प्रक्रिया, महिला उत्पीड़न, फास्टर केयर प्रणाली एवं पॉक्सो एक्ट 2012 की विस्तृत जानकारी दी।




विशेष रूप से यह बताया गया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के विवाह को गैरकानूनी घोषित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार का विवाह करता है या उसमें संलिप्त होता है, तो उसे दो वर्ष तक का कठोर कारावास, एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, बाल विवाह को बढ़ावा देने, उसकी अनुमति देने या सहयोग करने वाले किसी भी व्यक्ति को भी सजा का प्रावधान है। कार्यशाला में यह संदेश दिया गया कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है जिसे जनसहभागिता से समाप्त किया जा सकता है।