सुशासन तिहार के प्रथम चरण में प्राप्त 119650 आवेदन में से अब तक 106452 आवेदन निराकृत

दुर्ग। कलेक्टर अभिजीत सिंह ने रविवार को प्रेस वार्ता लेकर सुशासन तिहार 2025 के तीसरे चरण की शुरुवात की जानकारी दी। प्रेस वार्ता कलेक्टोरेट सभा कक्ष में आयोजित की गई। इस अवसर पर जिला नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर वीरेंद्र सिंह, जिला पंचायत के सीईओ बी.के. दुबे, नगर निगम भिलाई के आयुक्त राजीव पाण्डे, नगर निगम दुर्ग के आयुक्त एस.के. अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर लता उर्वशा एवं सिल्ली थॉमस, एसडीएम हरवंश सिंह मिरी, डिप्टी कलेक्टर उत्तम ध्रुव, तहसीलदार प्रफुल्ल गुप्ता और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।





मीडिया को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में सुशासन की स्थापना को लेकर लगातार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। शासन-प्रशासन के हर स्तर पर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि शासकीय कार्यों में पारदर्शिता आए, योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन हो, और इनका लाभ उन जरूरतमंद वर्गों तक समयबद्ध ढंग से पहुंचे, जिनके लिए ये योजनाएं बनाई गई हैं। इसी कड़ी में, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी की मंशा के अनुरूप राज्य में सुशासन तिहार-2025 का आयोजन किया जा रहा है।




इस तिहार का उद्देश्य – आमजनता की समस्याओं का समयबद्ध समाधान, शासकीय योजनाओं की समीक्षा और निगरानी, विकास कार्यों में तेजी लाना, और जनता, जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों के साथ सीधा संवाद स्थापित करना है। सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में किया जा रहा है। पहला चरण 08 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आयोजित हुआ।
जिसमें आम जनता से उनकी समस्याओं और मांगों से संबंधित आवेदन प्राप्त किए गए हैं। ये आवेदन समाधान पेटी, शिविर और ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से लिए गए हैं। आवेदन प्राप्त करने के लिए समाधान पेटी की व्यवस्था जिला और विकासखण्ड मुख्यालय (अनुविभागीय अधिकारी, तहसील, जनपद एवं ग्राम पंचायतों) के स्तर पर की गई थी।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि दुर्ग जिले में कुल 119650 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 115489 मांग एवं 4161 शिकायतें थी। दूसरे चरण में इन प्राप्त आवेदनों को स्कैन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड कर संबंधित विभाग, जनपद और नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऑनलाइन व भौतिक रूप से भेजकर उनके गुणवत्तापूर्ण निराकरण की कार्यवाही की जा रही है। प्राप्त आवेदनों के निराकरण की स्थिति मांगों की 103555 (98.17 प्रतिशत) व शिकायतों की 2897 (69.62 प्रतिशत) आवेदन निराकृत है।
इस प्रकार कुल 106452 (88.97 प्रतिशत) आवेदनों का निराकरण हो गया है। मांग से संबंधित आवेदनों को बजट की उपलब्धता के आधार पर निराकृत किया जा रहा है साथ ही प्राथमिकता क्रम भी तय किया जा रहा है ताकि भविष्य में बजट उपलब्ध होने पर उच्च प्राथमिकता के कार्यों की स्वीकृति की जा सके। काफी मांगे प्रधानमंत्री आवास योजना व उज्जवला योजना से सम्बन्धित हैं, जिनके बारे में राज्य सरकार भारत सरकार से अतिरिक्त लक्ष्य के लिए आग्रह कर रही है।
इन योजनाओं में लक्ष्य प्राप्त होने पर आवेदकों की मांगें पात्रतानुसार निराकरण हो जायेगी, विदित हो कि इसी अवधि में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत ऐसे परिवार जिनका नाम आवास की किसी भी सूची में सम्मिलित नहीं है, ऐसे परिवारों को आवास प्लस 2.0 सर्वे के माध्यम से कुल 88480 हितग्राहियों का नाम जोड़ा जा चुका है। मोर दुआर साय सरकार महा अभियान के तहत विशेष पखवाड़ा 15 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच चलाया गया जिसमें जिले में सहायता प्राप्त सर्वे 48053 एवं स्वयं द्वारा 4756 कुल 52809 हितग्राहियों का नाम जोड़ा गया है।
आवेदनों के निराकरण की गुणवत्ता की समीक्षा जिला और राज्य स्तर पर की जा रही है। इसके लिए जिले में 5 बैठकें आयोजित की गई, जिसमें समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों एवं मैदानी कार्यालयों / विभागों यथा समस्त नगर पालिक निगम, नगर पंचायत, जनपद पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी, तहसील आदि से संबंधित आवेदनों के निराकरण की गुणवत्ता की समीक्षा की गई तथा यथा आवश्यक निर्देश सभी को प्रदान किए गए। तीसरे एवं अंतिम चरण की शुरूआत 05 मई से हो रही है, जो 30 मई तक चलेगा। इस दौरान जिले के 08 से 15 ग्राम पंचायतों के बीच एक समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा। नगरीय निकायों में भी शिविर लगाए जाएंगे।