ब्रेकिंग
कलेक्टर ने सुशासन संध्या चौपाल का किया अवलोकन जिले में बाल विवाह रोकने की कार्रवाई सफल, 16 वर्षीय बालिका का विवाह रोका गया अपने धर्म रक्षा के प्रति सच्चा सेवक बने,गजेंद्र यादव श्रद्धालुओं से मुलाकात कर जन्मोत्सव की दी बधाई गृह ग्राम दोनर बजरंग चौक स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश वासियों की खुशहाली की ... एल्युमीनियम फॉयल और पाउडर बनाने वाली कंपनी में विस्फोट,कई कर्मचारी घायल वाहन चालकों के लिए हेलमेट, सीटबेल्ट के उपयोग व लायसेंस एवं बीमा होना जरूरी- न्यायमूर्ति श्री अभय मनो... नागरिकों की शिकायते सुनने टोल फ्री नंबर 1800 233 0788 सेवा में डिप्टी कलेक्टर को सौंपा गया अतिरिक्त प्रभार अपर कलेक्टरों के मध्य कार्यों का विभाजन प्याऊ घर की सुविधा मिलने से लोगों को भीषण गर्मी में पेयजल उपलब्ध होता है,स्वयंसेवी संस्थाओं ने हमेशा...
रायपुर

दंतेवाड़ा में नेत्र शिविर: मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद मरीजों का मेकाहारा में इलाज जारी

दंतेवाड़ा-रायपुर। दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के 16 मरीजों की आंख में संक्रमण हो गया। सभी मरीजों को रायपुर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। कई मरीजों की आंख की रोशनी जाने की आशंका के बीच दिल्ली से 3 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम मेकाहारा पहुंची है। ये टीम मरीजों की जांच कर रही है। दरअसल, बीतें दिनों दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में कुल 39 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया।

इसके बाद लोगों की आंखों में दिक्कत आ गई है। ऑपरेशन के बाद अब किसी को एक आंख से पूरी तरह दिखना बंद हो गया है तो किसी को धुंधला दिख रहा है। इसके बाद कई मरीजों को रायपुर रेफर किया गया। फिलहाल इनका इलाज राजधानी के मेकाहारा अस्पताल में चल रहा है।

प्रदेश में 22 सितंबर 2011 को सरकारी लापरवाही के चलते 50 से ज्यादा लोगों के आंखों की रोशनी चली गई थी। प्रदेश के 2 सरकारी शिविरों में मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया था। बालोद, बागबाहरा और राजनांदगांव-कवर्धा में लोग इसके शिकार हुए। इस मामले में दुर्ग सीएमओ समेत बालोद बीएमओ, तीन नेत्र सर्जन सस्पेंड हुए थे। इसे अंखफोड़वा कांड भी कहा गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button