ब्रेकिंग
भीषण गर्मी में पक्षियों का जीवन बचाने के लिए सकोरा में रखें दाना-पानी,महापौर अलका बाघमार ने किया सक... शिक्षक कालोनी नूतन चौक भिलाई में हुई लाखों के जेवरात चोरी के आरोपी 24 घंटे के अंदर पुलिस की गिरफ्त म... वार्ड नंबर 3 में भव्य ज्योति कलश विसर्जन कार्यक्रम सम्पन्न, महापौर और पार्षद ने लिया माताओं का आशीर्... -बारिश से पहले सभी नालों की साफ सफाई कर लें, शहर में जलभराव की स्थिति नहीं होनी चाहिए, महापौर व आयुक... नगर सेवाएं विभाग अब सेक्टर के बाज़ारों के उन्नयन का करेगा कार्य सूर्या ट्रेजर आइलैंड मॉल द्वारा सरकारी रोड पर गाड़ी ना पार्किंग हो इसलिए बेरियर लगाया गया प्रतिवर्ष बढ़ती पुरुष आत्महत्याओं और कानून के दुरुपयोग के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर में 19 अप्रैल को... निगम अंतर्गत विकास हेतु विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चाएं बीएसपी प्रबंधन ने निगम के विकास कार्यों हेतु ... आंबेडकर जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए सांसद बघेल पद्म पुरस्कारों के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित
दुर्ग

वार्ड 56 में टिकट मिलने के बाद कट गया नाम, वोरा निवास में वार्डवासियों ने किया विरोध प्रदर्शन

दुर्ग  | दुर्ग नगर निगम चुनाव के लिए वार्ड 56 में कांग्रेस द्वारा ललित ढीमर को टिकट दिए जाने के बाद अचानक उनकी टिकट काटने को लेकर वार्डवासियों में भारी नाराजगी देखी गई।

नाराज नागरिकों ने आज वोरा निवास में जमकर हंगामा किया और कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की। वार्डवासियों ने कांग्रेस से जवाब की मांग करते हुए कहा कि अगर ललित ढीमर को टिकट नहीं दी जाती, तो वे पार्टी का बहिष्कार करेंगे।

सड़क पर उतरे नागरिकों का कहना था कि सुबह तक ललित ढीमर का नाम टिकट के लिए था, लेकिन शाम होते-होते उनका नाम काटकर किसी अन्य को टिकट दे दी गई। नागरिकों ने इस बदलाव को न केवल निराशाजनक, बल्कि धोखेबाजी भी करार दिया। उनका स्पष्ट कहना था कि ललित ढीमर ही उनके प्रतिनिधि हैं और उन्हें ही टिकट मिलनी चाहिए।

ललित ढीमर के समर्थकों ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और उनकी टिकट बहाल करने की जोरदार मांग की। नागरिकों का कहना था कि वे कांग्रेस के फैसले से पूरी तरह निराश हैं और अब उन्हें यह स्पष्ट जवाब चाहिए कि क्यों उनके चुने हुए उम्मीदवार को टिकट से वंचित किया गया।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस घटना से कांग्रेस के लिए आगामी चुनाव में मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं, क्योंकि स्थानीय जन समर्थन पर सीधे असर पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व इस विवाद का समाधान कैसे करता है और क्या यह असंतोष चुनावी परिणामों पर प्रभाव डालता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button