दाऊ वासुदेव चंद्राकर से गौवंश उपचार की माँग: बजरंग दल द्वारा जन आंदोलन की चेतावनी

दुर्ग गौवंश उपचार एवं पशु उपचार के लिए महकौशल क्षेत्र में स्थित कामधेनु विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सालय से जुड़े गौसेवकों ने एक गंभीर मांग उठाई है। गौसेवकों का कहना है कि उनके द्वारा उपचार के लिए पर्ची बनाई जाती है, जिसमें 1500 रुपये की फीस लगती है।



इसके अलावा, इलाज के दौरान उपयोग होने वाली दवाइयाँ बाहर के मेडिकल स्टोर से मंगवानी पड़ती हैं, जिन्हें स्वयं गौसेवकों को खरीदना पड़ता है। इस प्रक्रिया में गौसेवकों को प्रति गौवंश इलाज पर 5000 से 6000 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं, जो कि उनकी आर्थिक स्थिति के लिए अत्यधिक है।



गौसेवकों का यह भी कहना है कि चिकित्सालय में कुछ डॉक्टरों द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है, जिससे उनके मनोबल को भी ठेस पहुँचती है। इसी के चलते उन्होंने कुलपति दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर से अनुरोध किया है कि गौवंश और पशु उपचार को पूर्णतः निःशुल्क किया जाए और दवाइयाँ चिकित्सालय द्वारा ही उपलब्ध कराई जाएं।

गौसेवकों का कहना है कि पूरे दुर्ग जिले में केवल इस चिकित्सालय में ही ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध है, और यदि उनकी माँगें पूरी नहीं की जातीं, तो बजरंग दल गौवंश की सेवा एवं रक्षा को लेकर एक बड़ा जन आंदोलन शुरू करेगा।
यह मामला अब जिले के विभिन्न गौसेवकों और धार्मिक संगठनों में चर्चा का विषय बन गया है, और जल्द ही इस पर कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।