गरीब बच्चों को शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए – कलेक्टर

दुर्ग | कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा है कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009 के तहत प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। अधिनियम के तहत् गरीब बच्चों को शिक्षा हेतु उच्च निजी विद्यालयों में भी प्रवेश का अवसर मिलना चाहिए। कलेक्टर सिंह आज लोक निर्माण विभाग के सभा कक्ष में आयोजित शिक्षा सत्र 2024-2025 एवं 2025-2026 में प्रवेश हेतु आरटीई के तहत नियुक्त नोडल अधिकारियों की बैठक में उक्त बाते कही।



कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों से निजी विद्यालयों में प्रवेश हेतु बच्चों के पात्रता के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत स्कूलों में गरीब बच्चों के प्रवेश हेतु उनके अभिभावकों को पात्रता के संबंध में भ्रमित करने के बजाय सही मार्गदर्शन प्रदान करें। पात्रता का परीक्षण कर यदि उसमें प्रमाण पत्र आदि की कमी हो तो सत्यापन कराकर सही बनवायें। कलेक्टर सिंह ने कहा कि नोडल अधिकारी प्रमाण पत्रों के सत्यापन पर विशेष ध्यान देंगे। सत्यापन हेतु वे स्वयं आवेदक के घर जाकर पंचनामा तैयार करायें।



आवेदक के पात्र घोषित होने के बाद किसी प्रकार की शिकायत नहीं आनी चाहिए। शिकायत की स्थिति में नोडल जिम्मेेदार होंगे। नियमानुसार नोडल के विरूद्ध कार्यवाही होगी। दिव्यांग बच्चों का शासकीय चिकित्सालय से जारी दिव्यांगता प्रमाण पत्र मान्य होगा। इसी प्रकार अंत्योदय कार्ड के संबंध में आवेदक के राशन कार्ड का नंबर भी लिया जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि अभिभावक द्वारा आरटीई के अंतर्गत बच्चे के प्रवेश के लिए प्रस्तुत दस्तावेज में अलग अलग पते होने पर नोडल को संबंधित के घर में जाकर इसका सत्यापन करना होगा। उन्होंने आवेदक को एसएमएस से सूचित करने मोबाइल नंबर के अलावा आगामी वर्ष हेतु ओटीपी का प्रावधान संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजने डीईओ को निर्देशित किया|
कलेक्टर सिंह ने कहा कि नोडल आपस में समन्वय स्थापित कर डूप्लीकेट आवेदन प्राप्त होने पर आवेदक के घर जाकर इसका सत्यापन कार्य कर रिकार्ड बनाकर रखेंगे। आरटीई स्कूलों में प्रवेश हेतु जो आवेदक पहले से आवेदन कर चुके है एवं दस्तावेज अपडेट नहीं किए है, ऐसे आवेदकों को नोडल सूचना देकर डाक्यूमेंट के संबंध में अवगत कराए। कलेक्टर सिंह ने कहा कि हार्ड कॉपी और ऑनलाईन आवेदन में अपडेट दस्तावेज अलग-अलग हो तो इसका भी सत्यापन करा ले।
उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी बच्चों के स्कूलों में प्रवेश हेतु लाटरी निकलने की अंतिम तिथि का इंतजार न करते हुए, 3 से 4 दिन पूर्व आवेदन परीक्षण की संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आरटीई स्कूलों की भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की त्रुटि न हो। पात्र सभी बच्चों के स्कूलों में प्रवेश की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के बच्चों को भी प्रवेश दिलाया जाए। यदि उनके अभिभावक शासकीय सेवक हैं तो भी उन्हें प्रवेश से वंचित न किया जाए।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि विगत वर्ष प्रवेश के संबंध में यदि पालकों द्वारा गलत जानकारी दी गई हो नोडल के बताने पर ऐसे पालकों पर भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बेहतर ढ़ग से प्रवेश व्यवस्था सुनिश्चित करने की आशा के साथ सभी अधिकारियों को अपनी शुभकामनाएं दी। ज्ञात हो कि आरटीई के अंतर्गत स्कूलों में प्रवेश हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 08 अप्रैल 2025 थी। इसके अंतर्गत जिले में कुल 10742 आवेदन प्राप्त हुए है। जिले में 77 प्रचार्यों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिनके द्वारा 25 अप्रैल 2025 तक आवेदनों का सत्यापन किया जाएगा। राज्य स्तर से 01 एवं 02 मई को लाटरी पद्धति से स्कूल आबंटन किया जाएगा। सहायक संचालक एवं आरटीई प्रभारी अमित घोष ने निःशुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत आवेदन एवं चयन प्रक्रिया के संबंध में पीपीटी के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी दी। जिला शिक्षा अधिकारी अरविन्द मिश्रा ने नोडल अधिकारियों को आरटीई संबंधित आवेदनों के सत्यापन पर शंकाओं का समाधान किया। इस अवसर पर सहायक संचालक शिक्षा सीमा नायक और सभी नोडल अधिकारी उपस्थित थे।