मोहन नगर थाना क्षेत्र में घटित बालिका के अपहरण/हत्या का मामला, दुर्ग पुलिस अधीक्षक व्दारा किया गया एसआईटी का गठन

दुर्ग | 06 अप्रैल 2024 के प्रातः लगभग 08.00 बजे 06 वर्षीय बालिका जो ओम परिसर स्थित अपने घर से कन्या भोज हेतु अपनी बुआ के घर पड़ोस में गयी थी। प्रातः 10.00 बजे तक घर वापस नहीं आने पर बालिका के परिजन आसपास पता तलाश किये, पता नहीं चलने पर परिजनों व्दारा थाना मोहन नगर में सूचित किया गया, जिस पर थाना मोहन नगर में अप. क.-133/2025, धारा 137(2) बीएनएस पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया जाकर अपहृता की पतासाजी की जा रही थी।



संध्या लगभग 07.00 बजे प्रार्थी पड़ोस में खड़ी काले रंग की जेस्ट कार क्रमांक-सीजी-11/एएक्स/2219 के सीट के नीचे बालिका के पड़ी होने की सूचना मिलने पर पीड़िता को तत्काल शासकीय अस्पताल दुर्ग ले जाया गया, जहां डॉक्टर व्दारा चेक करने पर बालिका की मृत्यु होना बताया गया। उक्त अत्यधिक संवेदनशील घटना की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक दुर्ग जितेन्द्र शुक्ला व्दारा आरोपी की तत्काल पतासाजी कर गिरफ्तारी हेतु विशेष टीम को नियुक्त किया गया।



गठित टीम व्दारा घटनास्थल का निरीक्षण कर प्राप्त साक्ष्य के आधार पर संदिग्ध सोमेश यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर आरोपी सोमेश यादव व्दारा बताया गया कि वह बालिका को अपने मकान के उपर वाले कमरे में ले जाकर अनाचार किया और अपने आप को बचाने के लिए बालिका की हत्या कर खड़ी कार के सीट के नीचे डाल देना स्वीकार किया।
आरोपी सोमेश यादव के विरूद्ध मामले में धारा 103 (1), 64 (2एफ), 65(2), 66, 238ए बीएनएस, पाक्सो एक्ट की धारा 06 जोड़ी जाकर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। पुलिस अधीक्षक शुक्ला व्दारा प्रकरण की गुणवत्तापरक एवं शीघ्र विवेचना कार्यवाही हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईयूसीएडब्ल्यू पद्मश्री तंवर के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
घटना को संज्ञान में लेकर कलेक्टर अभिजीत सिंह ने उप संचालक अभियोजन दुर्ग को मामले में पीड़ित पक्ष को तत्काल अंतरिम राहत राशि प्रदान किए जाने हेतु निर्देशित किया है। उप संचालक (अभियोजन) दुर्ग व्दारा इस संबंध में नियमानुसार प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाने हेतु जिला पुलिस को सूचित किये जाने पर, थाना मोहन नगर से पीड़िता क्षतिपूर्ति योजना 2018 के तहत राहत राशि प्रदान किए जाने हेतु जिला विधिक सहायता प्राधिकरण, जिला न्यायालय दुर्ग के सचिव को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। विधिक सेवा प्राधिकरण से समन्वय कर पीड़ित पक्ष को तत्काल राहत राशि प्रदान करायी जाएगी।