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रायपुर

छत्तीसगढ़ी फिल्म आखिरी फैसला 13 सितम्बर को राजधानी के प्रभात टॉकीज सहित प्रदेश भर में एक साथ कई जगह होगी रिलीज

रायपुर । भाई-भाई फिल्म प्रोडक्शन और श्रद्धा सिनेमा प्रोडक्शन के संयुक्त बैनर तले निर्मित छत्तीसगढ़ी फिल्म आखिरी फैसला दिनांक 13 सितम्बर को राजधानी के प्रभात टॉकीज सहित प्रदेश भर में एक साथ रिलीज की गई। पहले ही दिन दर्शकों की जबरदस्त भीड़ सिनेमाघरों में दिखाई दी। गंभीर विषय पर आधारित छत्तीसगढ़ फिल्म आखिरी फैसला, अनुत्तरीत कई प्रश्न खड़े करते है कि आखिर लड़कियों की गुमशुदगी के पीछे का सच क्या है ? छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों से गायब की गई लड़कियों के मामले को फिल्म आखिरी फैसला के माध्यम से छेड़ा है, जिस पर शासन- प्रशासन को भी संज्ञान लेने की आवश्यकता है।

फिल्म आखिरी फैसला की कहानी एक गांव से लड़कियों के गायब हो जाने की घटना से शुरू होता है। जिसके बीच गांव के खुशहाल परिवार, भाई-बहन और हीरो-हीरोईन के प्यार के अलावा फिल्म में वह सबकुछ है जो एक दर्शक के लिए बतौर मनोरजंन चाहिए। फिल्म में एक गंभीर विषय को अपनी कहानी में पिरोया गया है। जिसे लोगों को अवष्य देखना चाहिए। फिल्म में नवयुवतियों के अपहरण से जुड़े सच के किस्से को फिल्मी रूप देकर कई अनुत्तरित सवालों के जवाब तलाषने की कोशिश की गई है|

सभी कलाकार अपने किरदार में फिट हैं और अपनी भूमिका में वे कहानी के अनुरूप लगते हैं। सभी ने अच्छा काम किया है। फिल्म के हीरो अपनी अदाकारी के प्रति सशक्त लगे हैं तो वहीं फिल्म की हीरोईनें पर्दे पर खुबसूरत लगी हैं, चरित्र अभिनेताओं का काम भी अच्छा है।

फिल्म के गाने अच्छे है, परन्तु इसे फिल्म के पर्दे पर ही सुनना- देखना अच्छा लगता है। फिल्म के एक गीत जो भाई-बहन के प्यार पर आधारित है, सराहनीय गीत है। एक गीत जो पुलिस वालों पर फिल्माया गया है, उसे फिल्म का जबरदस्ती हिस्सा बनाया गया प्रतीत होता है।

फिल्म तकनीकी रूप से भी ठीक है, छत्तीसगढ़ी फिल्म के औसत से देखा जाए तो फिल्म में तकनीकी कमियां नहीं है। एक आम दर्शक के लिए यह फिल्म तकनीकी रूप से बेहतर बन पड़ा है।

किसी गंभीर विषय आधारित फिल्म के शौकीन है तो यह फिल्म आपके लिये ही है। फिल्म मनोरंजन के लिए ही बनाए जाते हैं, जिसका ख्याल रखा गया है। फिल्म देख कर निकल रहे दर्शकों के मन में फिल्म के लड़कियों के गायब होने को लेकर सवाल खड़े करता है, जिसका आखिरी फैसला टॉकीज में तो हो जाता है परन्तु असल में इस आखिरी फैसला होना अभी बाकी है। कुल मिलाकर विषयान्तर्गत होते हुए भी फिल्म में दर्शकों के लिये फुल मनोरंजन भी है।

फिल्म के निर्माता गणपति देवांगन ने बताया कि इस फिल्म का निर्माण बड़ी मेहनत और लगन से किया गया है, जिसे छत्तीसगढ़ की जनता को एक बार जरूर देखना चाहिए क्योंकि फिल्म देखकर दर्शक को यह जरूर लगेगा कि लड़कियों के अपहरण पर आधारित इस फिल्म का आखिरी फैसला वास्तव में न्यायसंगत है। उन्होंने अपने घोषणा में कहा कि प्रभात टाकीज का पहला दिन पहले शो में जो भी राशि आएगी, वह स्वर्गीय सूरज मेहर के परिवार को दिया जाएगा। फिल्म के अन्य निर्माता यामिनी गणपति देवांगन एवं डी. के. देवांगन ने छत्तीसगढ़ की जनता से अपील किया है कि सभी स्वर्गीय सूरज मेहर के परिवार के लिए इस फिल्म को देखकर अपना सहयोग दे। उन्होंने संयुक्त रूप से कहा कि कलाकार के दर्द को कलाकार ही समझता है, आखिरी फैसला की टीम इस दर्द को समझा है। आप सभी से अनुरोध है कि कलाकार के दर्द को समझे और ज्यादा से ज्यादा संख्या में सपरिवार इस फिल्म को देखें। फिल्म के निर्देशक आदिश कश्यप ने बताया कि फिल्म में छत्तीसगढ़ संस्कृति और परम्पराओं को बखूबी दिखाया गया है, जिसमें शानदार गीत-संगीत के साथ संपूर्ण पारिवार के देखने योग्य इस फिल्म में जबरदस्त कॉमेडी और फुल मनोरंजन भी है, जिसे सभी को देखना चाहिए।अभिनेता रवि साहू,अभिनेत्री दीक्षा जायसवाल, सोनाली सहारे, कलाकार -अखिलेश वर्मा,क्रांति दीक्षित, धर्मेंद्र चौबे, उपाशना वैष्णव, उर्वशी साहू वर्षा सारथी, निर्माता, निर्देशक, सतीश जैन, ज्योत्सना ताम्रकार, सारु दुबे, अमित मनहर,  पी एल एन लकी, राजू सिन्हा, संदीप त्रिपाठी, और फ़िल्म प्रमोटर विकास यादव उपस्थित थे

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