ब्रेकिंग
जिले में बाल विवाह रोकने की कार्रवाई सफल, 16 वर्षीय बालिका का विवाह रोका गया अपने धर्म रक्षा के प्रति सच्चा सेवक बने,गजेंद्र यादव श्रद्धालुओं से मुलाकात कर जन्मोत्सव की दी बधाई गृह ग्राम दोनर बजरंग चौक स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश वासियों की खुशहाली की ... एल्युमीनियम फॉयल और पाउडर बनाने वाली कंपनी में विस्फोट,कई कर्मचारी घायल वाहन चालकों के लिए हेलमेट, सीटबेल्ट के उपयोग व लायसेंस एवं बीमा होना जरूरी- न्यायमूर्ति श्री अभय मनो... नागरिकों की शिकायते सुनने टोल फ्री नंबर 1800 233 0788 सेवा में डिप्टी कलेक्टर को सौंपा गया अतिरिक्त प्रभार अपर कलेक्टरों के मध्य कार्यों का विभाजन प्याऊ घर की सुविधा मिलने से लोगों को भीषण गर्मी में पेयजल उपलब्ध होता है,स्वयंसेवी संस्थाओं ने हमेशा... रास्ते में मोबाईल छीन कर भागने वाले को पकड़ने में दुर्ग पुलिस को मिली सफलता
दुर्ग

लघु सिंचाई प्रणाली के आंकलन हेतु अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

दुर्ग | सातवीं लघु सिंचाई संगणना और द्वितीय जल निकायों की गणना के क्रियान्वयन हेतु आज लोक निर्माण विभाग के सभाकक्ष में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस प्रशिक्षण में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अधीक्षक भू-अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, तहसीलदार, और नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी को लघु सिंचाई और जल निकायों की गणना से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। 7वीं लघु सिंचाई संगणना और जल निकायों की दूसरी संगणना का क्रियान्वयन वर्ष 2023-24 के अभिलेखों के आधार पर पटवारियों द्वारा सम्पादित किया जाएगा।
इस संगणना का मुख्य उद्देश्य राज्य में लघु सिंचाई साधनों की पूर्णरूपेण गणना करना, खरीफ, रबी, मौसम में साधनवार सिंचाई क्षेत्रफल ज्ञात करना, लघु सिंचाई साधनों में से कितने साधनों द्वारा पूरक सिंचाई की जाती है यह ज्ञात करना तथा इन साधनों के योगदान का आकलन करना एवं राज्य में जल निकाय की पूर्णरूपेण गणना करना है। लघु सिंचाई कार्यो की विस्तृत संगणना की सिफारिश सबसे पहले योजना आयोग ने 1970 में की थी।

राष्ट्रीय कृषि आयोग ने भारत में लघु सिंचाई की स्थिति की विस्तार से जांच की और सिफारिश की कि सिंचाई स्त्रोतों की संगणना पांच साल में एक बार की जानी चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए 1987-88 में राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को शत-प्रतिशत केन्द्रीय सहायता के साथ एक केंद्रीय योजना लघु सिंचाई सांख्यिकी का युक्तिकरण( आरएमआईएस) शुरू की गई थी। अब तक छह संगणनाएं आयोजित की जा चुकी है।

प्रशिक्षण में अधिकारियों को लघु सिंचाई संगणना, जल निकायों की गणना, और इसके संबंधित प्रपत्रों को भरने की विस्तृत जानकारी दी गई। एडीएम  अरविंद एक्का ने इस अवसर पर अधिकारियों से जल संकट को लेकर सजग रहने और गर्मी में पेयजल की आपूर्ति में कोई भी समस्या उत्पन्न होने पर त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जल संकट के समय सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए ताकि कोई भी क्षेत्र जल संकट से प्रभावित न हो। साथ ही, भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण की जांच कर उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर  विरेन्द्र सिंह, संयुक्त कलेक्टर  हरवंश सिंह मिरी, संयुक्त कलेक्टर मती लता उर्वशा, डिप्टी कलेक्टर हितेश पिस्दा व लवकेश धु्रव सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button