सेक्टर एक में जेपी सीमेंट की बिल्डिंग सील,लाखों का है बकाया संपदा न्यायालय के आदेश पर बीएसपी की कार्रवाई

भिलाई। सेक्टर 1 में सीडीओ एवं जगन्ना बिल्डिंग, स्ट्रीट नंबर 08 और 10 के मध्य स्थित परिसर में अवैध रूप से काबिज ‘मेसर्स भिलाई जेपी सीमेंट लिमिटेड के विरुद्ध बीएसपी के प्रवर्तन विभाग ने एक बड़ी बेदखली कार्यवाही पूरी की। भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएं विभाग के अंतर्गत प्रवर्तन अनुभाग ने संपदा न्यायालय द्वारा प्रकरण 27 मार्च 2025 को पारित डिक्री आदेश के अनुपालन में कार्रवाई कर बिल्डिंग को सील कर दिया है।



न्यायालय द्वारा अधिकृत यह कार्यवाही थाना भ_ी से बड़ी संख्या में पुलिस बल की उपस्थिति में, कार्यपालक मजिस्ट्रेट ढाल सिंह बिसेन के नेतृत्व में संपन्न हुई। इस दौरान पुलिस निरीक्षक थाना भ_ी तथा महिला पुलिस बल की भीसक्रिय सहभागिता रही।



भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रवर्तन अनुभाग के अधिकारियों द्वारा कब्जाधारियों को उक्त भवन एवं भूमि परिसर से पूरी तरह बेदखल किया गया। परिसर के मुख्य द्वार सहित सभी बाहरी दरवाजों को यथावत स्थिति में सील कर दिया गया। किसी भी प्रकार की वस्तुओं की जप्ती नहीं की गई, तथा सम्पूर्ण कार्यवाही गवाहों की उपस्थिति में पंचनामे के रूप में दस्तावेजीकृत की
गई। साथ ही साक्ष्य दस्तावेज इस सम्पूर्ण बेदखली कार्यवाही की संयंत्र के जनसंपर्क विभाग द्वारा वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी भी करवाई गई। 34 लाख से ज्यादा का है बकाया

उल्लेखनीय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र के उक्त भवन जिसे कम्युनिटी डेवलपमेंट ऑफिस, जगन्ना बिल्डिंग तथा तार घर के नाम से जाना जाता है, में कुल 23 कमरे हैं तथा यह भवन 31,850 वर्ग फीट भूमि पर निर्मित है। इस भूमि वर्तमान सरकारी रेट के अनुसार अनुमानित मूल्य 8 करोड़ रुपये है।
पूर्व में यह भवन मेसर्स भिलाई जेपी सीमेंट लिमिटेड को लीज़ के रूप में आबंटित किया गया था। वर्तमान में भिलाई जेपी सीमेंट लिमिटेड के विरुद्ध 34 लाख 68 हजार 906 रुपए की बकाया राशि एवं डैमेजेज देय हैं।
नवंबर 2021 से नहीं हुआ भुगतान
नवंबर 2021 से कंपनी द्वारा किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया है, जिसके फलस्वरूप संपदा न्यायालय के आदेश पर नगर सेवाएं विभाग के अंतर्गत प्रवर्तन अनुभाग द्वारा यह बेदखली कार्यवाही की गयी।
इस महत्वपूर्ण प्रवर्तन कार्यवाही में कार्यपालक मजिस्ट्रेट ढाल सिंह बिसेन, थाना भ_ी पुलिस बल, महिला पुलिस, प्रवर्तन अनुभाग के अधिकारी एवं कर्मचारीगण, निजी सुरक्षा गार्ड (महिला गार्ड सहित), भूमि अनुभाग, जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी, ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित विभिन्न संसाधनों के साथ लगभग 200 सदस्यों की टीम सम्मिलित रही। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा ऐसे प्रकरणों में संयंत्र की संपत्ति पर अवैध कब्जाधारियों व माफियाओं के विरुद्ध कड़ाई से दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।