307 क्विंटल गरीबों का अनाज निगल रहे हैं संचालक,FIR दर्ज

भिलाई । शहर में पीडीएस चावल की गोलमाल का बड़ा खेल सामने आया है. लेकिन खाद्य विभाग के अफसरों को सांठगांठ करने वाले राशन दुकान के विक्रेता और समूह समित के लोगों पर एफआईआर दर्ज करने में 9 महीने लग गए । जबकि सेक्टर-5 स्थित सोसायटी की राशन दुकान के यहां छापेमारी जनवरी महीने में हुई |



उस दौरान जांच में पूरी गड़बड़ी सामने आई. इसके बाद मामला थाने तक अब जाकर पहुंचा है। प्रकरण में भिलाई नगर थाना पुलिस ने राशन दुकान संचालक व विक्रेता अनुराधा ठाकुर, संचालन समूह की अध्यक्ष विद्यावती पांडेय और उसके पति प्रमोद पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।तीनों के खिलाफ पुलिस ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3, 7 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।



दरअसल खाद्य विभाग की टीम इस साल 9 जनवरी को राशन दुकान में आकस्मिक चैकिंग के पहुंची, जहां मौके पर चावल, शक्कत, तेल का स्टॉक निरंक मिला, जबिक मौके से ऑनलाइन स्टॉक चैक करने पर चावल 307.54 क्विंटल और शक्कत भी 0.70 क्विंटल मिली। सहायक खाद्य अधिकारी वसुंधरा गुप्ता ने एफआईआर दर्ज कराने आवेदन दिया।खाद्य निरीक्षक आशुतोष चंद्राकर को लेकर जब वसुंधरा गुप्ता विंध्यवासिनी महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित सेक्टर 5 की राशन दुकान की आकस्मिक जांच करने पहुंची।

मौके पर अनुराधा ठाकुर उपस्थित थी। उसने बताया कि वह स्वयं दुकान की विक्रेता है एवं संचालन समूह की अध्यक्ष विद्यावती पांडे पति प्रमोद पांडे हैं। दुकान में अध्यक्ष के पति प्रमोद पांडे भी उपस्थित था। जांच में पहुंचे तो पूरी स्टॉक खाली मिला । इस बीच दुकान के स्टॉक की जांच की गई तो चावल निरंक, शक्कर निरंक , नमक 22 कट्टा (50 किलो प्रति) एवं 17 किलो खुला मिला। इसके अलावा मिट्टी तेल भी निरंक पाया गया। स्टॉक पंजी मौके पर मांगने पर प्रस्तुत नहीं की गई।
इस पर खाद्य विभाग की वेबसाइट के अनुसार जांच समय का ऑनलाइन स्टॉक देखा गया तो चावल 370.54 क्विंटल , शक्कर 0.70 क्विंटल एवं नमक 6.06 क्विंटल होने की जानकारी मिली। चावल पर चोरी बताई एफआईआर नहीं दी। इस प्रकार उक्त शासकीय उचित मूल्य दुकान में चावल 370.54 क्विंटल , शक्कर 0.70 क्विंटल कम पाया गया एवं नमक 5.11 क्विंटल अधिक मिला । साथ ही जांच में कहा गया कि राशन दुकान की कोई भी पंजी दिखाई नहीं गई और स्टॉक गायब होने के बारे में पूछने पर चोरी की बात कही लेकिन शिकायत या एफआईआर दिखा नहीं सके ।