छत्तीसगढ़ में अवैध शराब पर सख्ती, कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला

छत्तीसगढ़ सरकार ने अवैध शराब की समस्या पर कड़ी निगरानी रखने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में, सरकार ने देशी और विदेशी शराब की बोतलों पर नए होलोग्राम लगाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य अवैध बिक्री पर रोक लगाना और राज्य में सुरक्षा एवं शांति बनाए रखना है।



बैठक में घोषणा की गई कि सभी शराब की बोतलों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए सुरक्षात्मक फीचर्स के साथ होलोग्राम लगाए जाएंगे, जो भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, नासिक रोड से खरीदे जाएंगे। इस तकनीक से अवैध शराब की पहचान करना आसान होगा, जिससे अवैध व्यापार पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। सरकार का मानना है कि यह कदम राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।



धान खरीदी नीति में सुधार
कैबिनेट ने धान खरीदी नीति में भी बड़े सुधार किए हैं। किसानों से 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक नगद और लिंकिंग में धान की खरीदी की जाएगी, जिसमें इस साल 160 लाख टन धान के उपार्जन का अनुमान है। धान की खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली लागू की गई है, जिससे धोखाधड़ी पर रोक लगेगी।
रोजगार सृजन और ग्रामीण जल संकट का समाधान
सहकारी समितियों में कार्यरत डेटा एंट्री ऑपरेटरों के लिए प्रति माह 18,420 रुपये का मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा, ग्राम पंचायतों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए ‘छत्तीसगढ़ ग्रामीण पेयजल संचालन एवं संधारण नियम, 2024’ को मंजूरी दी गई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट का समाधान होगा।
राजनीतिक स्थिरता और औद्योगिक विकास
राज्य सरकार ने राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए 49 राजनीतिक मामलों को न्यायालय से वापस लेने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत स्टील, एथेनॉल और सीमेंट उद्योगों के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य में नई परियोजनाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
शिक्षकों और लोकतंत्र सेनानियों के लिए विशेष निर्णय
दिवंगत पंचायत शिक्षकों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया है, जिससे उन्हें आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होगी। साथ ही, लोकतंत्र सेनानियों की मृत्यु पर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्ठि की जाएगी और उनके परिवार को 25,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।