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ब्लेकमेल के आरोप से दबंग पत्रकार राकेश तम्बोली को कोर्ट ने किया दोषमुक्त

रायपुर। लगभग साढ़े सात साल पहले रायपुर कालीबाड़ी चौक के जेआरडी दानी स्कूल में कांति चंद्राकर के पति जी आर चंद्राकर यानि गैदराम चंद्राकर जो तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी बलौदा बाजार में पदस्थ थे के द्वारा दुर्ग के पत्रकार राकेश तंबोली और एक अन्य पत्रकार के ऊपर लड़की की रेप का वीडियो सामने लाने का भय दिखाकर ब्लेकमेल करने का आरोप लगाया था। जिस पर साढ़े साल बाद कोर्ट ने इन दोनों आरोपियों को इस केस में बाइज्जत बरी कर दिया।

क्या यह सच है पुलिस ने दिया षड़यंत्रकारियों का साथ?

जिस मामले में दुर्ग के बेगुनाह पत्रकारों को आधी रात दुर्ग से जिस प्रकार रायपुर लाया गया था वह बहुत ही संदेहजनक था। पुलिस ने तो दिया प्रशासनिक अधिकारी का साथ बिना वास्तविकता जाने क्या यह पुलिस का सही कदम था? पुलिस ने बेगुनाह दबंग पत्रकार राकेश तम्बोली के ऊपर जिस तरह से आरोप लगाये थे उससे  परिवार वाले बहुत ही सदमें में थे। इस मामले का अंत बहुत ही सुखद हुआ कि माननीय न्यायाधीश महोदय ने शिकायतकर्ता की साज़िशों को समझ लिया।

शिकायतकर्ता जी आर चंद्राकर और उसकी बीवी इस स्कुल – हॉस्टल की वार्डन ने अपने कुकर्मों से बचने के लिए प्रशासन का सहारा लिया और प्रशासन को अपनी जेब में रखते हुये अपना मनचाहा काम यानि सच्चाई की दिशा को मोड़ कर उलटे पत्रकार के ऊपर मामला दर्ज कर झूठे मामले में फंसा दिया।

पुलिस ने जो आरोप पत्रकारों के ऊपर लगाये थे वह स्पस्ट तौर पर झूठे दिखाई दे रहे थे, क्योंकि बिना जाँच के फंसाने झूठे कथन भी पुलिस द्वारा लिए गये थे इस बात की सच्चाई कोई और नहीं बल्कि इस केस के एकमात्र गवाह रायपुर के वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल ने अपने बयान में न्यायाधीश को दिया हैउन्होंने स्पष्ट कहा है की पुलिस  ने उनसे किसी भी प्रकार को कोई पूछताछ नहीं की ना ही कोई बयान उन्होंने पुलिस को दिया है जो केस फ़ाइल में. लगा है वह झूठा।

शिकायतकर्ता जी आर चंद्राकर और कांति चंद्राकर ने किया अपना मुंह काला

केस लगभग साढ़े सात साल पुराना है इस केस को लगाने के बाद जी आर चंद्राकर को यह लगा था कि वह अपने मंसूबे में कामयाब हो गया है लेकिन खुद ही फस गया वहां अपनी जाल में। छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा मंत्री को 365 करोड़ के झूठे डायरी में फंसाना, जिसमें छ ग शासन ने जी आर चंद्राकर के ऊपर स्पष्ट तौर पर नामजद एफआईआर किया था और उसे गिरफ्तार किया था।

कई माह उसने जेल में बिताए थे मामला अभी विचाराधीन है  स्पष्ट तौर पर सबूत को देखते हुए फैसला जी आर चंद्राकर के विरोध में आ सकता है।अपनी होने वाली दुदर्शा को देखते हुए जी आर चंद्राकर और उसकी बीवी कांति चंद्राकर ने एक बार भी कोर्ट में आकर अपना बयान नहीं दिया।कई बार पुलिस से उनको समन्स जारी कर बुलावा भेजना था|

यहां तक की कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट भी उनके लिए जारी किया था उसके बाद भी वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए जिसे देखते हुए माननीय न्यायधीश महोदय ने दबंग पत्रकार राकेश तंबोली और एक साथी पत्रकार के ऊपर लगे दोषों को पूरी तरह खारिज कर आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया।

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