केंद्र सरकार की कथित तानाशाही के खिलाफ कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन, ED कार्रवाई पर जताया विरोध

दुर्ग। दुर्ग में कांग्रेस पार्टी ने केन्द्र सरकार की तानाशाही और विपक्ष के नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दुरुपयोग के विरोध में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के विरुद्ध 745 करोड़ की कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा दाखिल आरोपपत्र के विरोध में आयोजित किया गया। GST कार्यालय, मालवीय नगर के सामने आयोजित इस धरना प्रदर्शन में कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण वोरा की अगुवाई में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने तीन घंटे तक भीषण गर्मी में डटे रहकर आवाज़ बुलंद की।





धरने का उद्देश्य..




धरने का मुख्य उद्देश्य था लोकतंत्र की रक्षा करना, ईडी जैसी संवैधानिक संस्थाओं के राजनीतिक इस्तेमाल का विरोध करना, और राहुल गांधी व सोनिया गांधी के प्रति एकजुट समर्थन जताना। कार्यकर्ताओं ने इस बात पर रोष व्यक्त किया गांधी परिवार को निशाना बनाकर बदले की कार्रवाई की जा रही है।
अरुण वोरा ने कहा..
“आदरणीय सोनिया गांधी और राहुल गांधी देश के सर्वमान्य नेता हैं। ED द्वारा की गई कार्रवाई लोकतंत्र पर कुठारघात है। ये कांग्रेस के हाल ही में हुए गुजरात अधिवेशन की सफलता से घबराई हुई भाजपा सरकार की बौखलाहट का परिणाम है। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। हम सब कांग्रेसजन इस दमनकारी राजनीति का पुरज़ोर विरोध करते हैं।
धरना स्थल पर मौजूद प्रमुख नेता…
गया पटेल (जिला अध्यक्ष), राकेश ठाकुर (जिला अध्यक्ष),आर.एन.वर्मा,राजेन्द्र साहू, धीरज बकलीवाल, अल्ताफ अहमद, राय सिंह ढ़िकोला, अजय मिश्रा, राजकुमार पाली, परमजीत सिंह भुई, राकेश यादव, पप्पू श्रीवास्तव, असीफ़ अली, रत्ना नारमदेव, एनी पीटर, विकास सपेकर, संजू धनकर, अयूब खान, चिराग शर्मा, संदीप वोरा, लोकेश चक्रधारी, अमित यादव, विकास यादव, सुधीर चंडेल, सुमीत वोरा,
मोहित वाल्डे, राहुल शर्मा, विवेक मिश्रा, अभिषेक शर्मा, शाश्वत पांडे, राहुल राजपूत, पृथ्वी चंद्राकर, रूपेश शर्मा, सन्नी साहू, राहुल गोस्वामी, विल्सन डी’सूजा,शबाना रानी, पिंकी झा, हरीश बघेल, अशोक चंद्राकर, विजय यादव, कचरू चौहान, सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे। धरने के अंत में जिला कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें मांग की गई कि लोकतंत्र की रक्षा हो और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग तत्काल रोका जाए।