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साली से संबंधों के मामले में आरोपी पति को जमानत, बलात्कार का आरोप खारिज

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में साली से अवैध संबंधों के मामले में आरोपी पति को जमानत दी है। कोर्ट ने कहा कि भले ही जीजा और साली के बीच का रिश्ता अनैतिक हो, लेकिन अगर महिला वयस्क है और सहमति से संबंध बने हैं, तो इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता।

मामला और कोर्ट की सुनवाई

यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस समीर जैन की बेंच के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। आरोपी पति को जुलाई 2024 में गिरफ्तार किया गया था। आवेदक के वकील ने अदालत को बताया कि यह मामला झूठे आरोपों पर आधारित है। वकील ने कहा कि जीजा और साली के बीच सहमति से संबंध बने थे और जब इसकी जानकारी परिवार को हुई, तो शिकायतकर्ता ने प्राथमिकी दर्ज करवाई।

पीड़िता के बयान पर आधारित निर्णय

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता के बयानों पर ध्यान दिया।

CrPC धारा 161 के तहत दिए गए बयान में पीड़िता ने आरोपों से इनकार किया था।

बाद में CrPC धारा 164 के तहत बयान बदलते हुए अभियोजन पक्ष का समर्थन किया।

सरकारी वकील (AGA) ने भी यह स्वीकार किया कि कथित पीड़िता बालिग है और सहमति को लेकर कोई स्पष्ट प्रमाण रिकॉर्ड पर नहीं है।

कोर्ट का निर्णय

कोर्ट ने माना कि:

दोनों के बीच संबंध अनैतिक हो सकते हैं, लेकिन पीड़िता बालिग है।

पीड़िता के बयान में विरोधाभास था।

आरोपी का आपराधिक इतिहास नहीं है।

इन तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट ने आरोपी पति को जमानत देते हुए कहा कि सहमति से बने संबंध को बलात्कार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

फैसले के कानूनी पहलू

यह फैसला सहमति और वयस्कता की कानूनी परिभाषाओं पर आधारित है। हालांकि, यह सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से विवादित हो सकता है, लेकिन कोर्ट ने कानून के दायरे में रहकर फैसला सुनाया।

इस निर्णय से भविष्य में सहमति और अनैतिक संबंधों से जुड़े मामलों में कानूनी दृष्टिकोण स्पष्ट होगा।

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