बेटे को चाहिए था मां का प्यार, पिता ने दूसरी शादी कर ली – लेकिन कहानी ने लिया चौंकाने वाला मोड़!

नई दिल्ली: रिश्ते जब उलझने लगते हैं, तो कई बार ऐसी परिस्थितियां पैदा हो जाती हैं, जिनका हल निकालना बेहद मुश्किल हो जाता है। हाल ही में एक महिला की अनोखी कहानी वायरल हो रही है, जिसने अपने दिल की दुविधा को रिलेशनशिप कोच वनिता रावत के सामने रखा।



महिला ने बताया कि वह 31 साल की है और अपने 61 वर्षीय मंगेतर के साथ शादी की तैयारियों में जुटी है। उसके मंगेतर की पहली पत्नी का एक दशक पहले निधन हो चुका है और उनका एक बेटा भी है, जो उम्र में उसी का हमउम्र है। हालांकि, बेटे को पिता की इस शादी से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन महिला को अब एक अजीब सी दुविधा का सामना करना पड़ रहा है।



ममता नहीं, वासना का एहसास!

महिला ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि जब भी वह अपने होने वाले सौतेले बेटे को देखती है, तो उसके मन में ममता नहीं, बल्कि वासना उमड़ने लगती है। उसने कहा, मैं उसे पसंद करने लगी हूं। वह आकर्षक, होशियार और विनम्र है। उसकी बातें मुझे खुश कर देती हैं। मुझे ऐसा लगता है कि वह भी मुझमें रुचि रखता है।”
महिला ने यह भी बताया कि जब उसका मंगेतर विदेश गया था, तब उसका सौतेला बेटा उसे डिनर डेट पर ले जाना चाहता था। यह सोचकर वह उलझन में पड़ गई कि कहीं यह सब कुछ जानबूझकर तो नहीं किया जा रहा है? क्या उसका सौतेला बेटा उसे अपने पिता से शादी करने से रोकना चाहता है?
रिलेशनशिप कोच वनिता रावत ने इस कहानी को सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसके बाद यह वीडियो वायरल हो गया। इसे अब तक 49 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। हालांकि, वीडियो पर आने वाले विवादित कमेंट्स के चलते कमेंट सेक्शन बंद कर दिया गया।
लोग इस कहानी को सुनकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे ‘गलत भावना’ करार दिया, तो कुछ ने महिला को आत्मविश्लेषण करने की सलाह दी।
क्या करें जब रिश्ते भावनात्मक उलझाव में फंस जाएं?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की भावनाओं से निपटने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले खुद को समझने की जरूरत होती है। जब रिश्तों की सीमाएं धुंधली होने लगती हैं, तो भावनाओं को काबू में रखना बेहद जरूरी हो जाता है।
इस मामले में महिला को चाहिए कि वह अपने मंगेतर के साथ खुलकर बात करे और खुद को भावनात्मक रूप से नियंत्रित करने की कोशिश करे। रिश्तों में ईमानदारी और आत्मनिरीक्षण ही सबसे बेहतर रास्ता होता है।