दुर्ग कलेक्टर का सुपेला अस्पताल में औचक निरीक्षण, कई कमियां सामने आईं

दुर्ग। शनिवार देर शाम दुर्ग जिले के कलेक्टर अभिजीत सिंह ने लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय (सुपेला अस्पताल) का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल में कई कमियां सामने आईं, जिनके लिए कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर अभिजीत सिंह दुर्ग कलेक्टर बनने के बाद पहली बार सुपेला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उनके साथ सीएमएचओ डॉ. मनोज दानी भी मौजूद रहे।



निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. पियाम सिंह के साथ अस्पताल के हर वार्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल की दवाइयों, ब्लड बैंक और ऑक्सीजन सप्लाई की उपलब्धता का भी जायजा लिया।




गंदी चादर और अस्पताल की सफाई पर नाराजगी: कलेक्टर ने फीमेल मेडिकल वार्ड में देखा कि एक बेड पर गंदी चादर पड़ी थी, जिस पर मरीज ने बताया कि तीन दिनों से चादर नहीं बदली गई है। इस पर कलेक्टर ने डॉ. पियाम सिंह को चादरों की बदलने की व्यवस्था जल्द सुधारने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, अस्पताल में पसरी गंदगी और पान-गुटखा के दाग देखकर कलेक्टर ने नाराजगी जताई और सफाई व्यवस्था में सुधार की बात कही।
फिजियोथेरेपिस्ट की ड्यूटी से गैरहाजिरी: कलेक्टर ने फिजियोथेरेपी OPD का निरीक्षण किया तो वहां ताला लगा मिला। पूछताछ पर डॉ. पियाम सिंह ने बताया कि फिजियोथेरेपिस्ट रायपुर में रहती हैं और दिन में ड्यूटी पूरी करने के बाद शाम को वापस रायपुर लौट जाती हैं, जिससे शाम को OPD अटेंड नहीं होती है। इस पर कलेक्टर ने फिजियोथेरेपिस्ट के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
OST सेंटर का स्थान बदलने का निर्देश: निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को बताया गया कि अस्पताल में संचालित OST सेंटर की वजह से नशे के आदी लोग अस्पताल में आते हैं और चोरी, गाली-गलौज तथा झगड़े जैसी घटनाएं होती हैं। इस पर कलेक्टर ने सीएमएचओ को जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजने के लिए कहा, ताकि OST सेंटर को मरचुरी के पास बनी बिल्डिंग में शिफ्ट किया जा सके।
अतिक्रमण और महिंद्रा शोरूम के मामले में कार्रवाई: कलेक्टर को शिकायत मिली कि महिंद्रा शोरूम के बगल से अस्पताल की जमीन पर अतिक्रमण करके शेड बना लिया गया है। अगर शेड हटाकर यहां सड़क बनाई जाए तो यह सड़क सीधे मरचुरी तक पहुंचेगी, जिससे मरीजों को सुविधा होगी। कलेक्टर ने महिंद्रा शोरूम और अस्पताल की जमीन का सीमांकन करने के निर्देश दिए।
संविदा कर्मचारियों के वेतन में सुधार की मांग: अस्पताल में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने कलेक्टर से यह शिकायत की कि उन्हें जो वेतन जीवनदीप समिति से मिल रहा है, वह बहुत कम है, जबकि उनके काम का स्तर नियमित कर्मचारियों के बराबर है। इस पर कलेक्टर ने आवेदन लिया और कर्मचारियों से कहा कि उन्हें जल्द कलेक्टर दर पर वेतन देने का प्रयास किया जाएगा।