डीजीपी अरुण देव गौतम ने दुर्ग में पुलिस व्यवस्था का निरीक्षण किया, नशे पर नियंत्रण को लेकर दी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश

दुर्ग। छत्तीसगढ़ पुलिस के डीजीपी अरुण देव गौतम बुधवार की देर शाम अचानक भिलाई नगर थाना और कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने थाना और कंट्रोल रूम की व्यवस्था का जायजा लिया और जो भी छोटी-मोटी कमियां नजर आईं, उन्हें दूर करने के निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिए।



डीजीपी ने कंट्रोल रूम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पुलिस हर स्तर पर न्याय दिलाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने हाल ही में दुर्ग जिले में हुई दर्दनाक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस ने बेहतर काम किया है। पुलिस ने जो साक्ष्य जुटाए हैं, वे न्यायालय में आरोपी को कड़ी सजा दिलाने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।



नशे पर नियंत्रण को लेकर डीजीपी की गंभीर पहल
डीजीपी ने क्षेत्र में बढ़ते नशे के प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नशे के अवैध पदार्थों की सप्लाई को कम करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। यदि सप्लाई कम होगी तो अपराध में भी कमी आएगी। डीजीपी ने कहा कि पुलिस लगातार गांजा और नशे के अन्य पदार्थों की तस्करी पर कार्रवाई कर रही है और इस पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस पूरी तरह से सक्रिय है।
उन्होंने कहा, “लोगों में नशे की डिमांड कम होगी तो हम नशे को रोकने में सफल होंगे। इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।” इसके साथ ही उन्होंने पुलिस बल को मजबूत बनाने के लिए भी हर संभव कदम उठाने की बात की, ताकि सिपाही अपने बीट कार्य को प्रभावी तरीके से अंजाम दे सकें।
थाना निरीक्षण और अपराध नियंत्रण
डीजीपी ने यह भी बताया कि वे शहर के सभी थानों का निरीक्षण करेंगे और वहां पर जो भी कमी होगी, उसे शीघ्र ही दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस का कर्तव्य है क्षेत्र में सुरक्षा और अपराध पर नियंत्रण करना, और इसके लिए जो भी कदम उठाने की आवश्यकता होगी, वह उठाए जाएंगे।
अपराध का ग्राफ बढ़ने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि पुलिस अपने स्तर पर पूरी कोशिश करती है और नशे पर नियंत्रण के लिए जो भी संभव कदम होंगे, वे उठाए जाएंगे। उनका लक्ष्य है कि अपराध पर प्रभावी नियंत्रण और क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।