निगम एमआइसी/पार्षदो ने कलेक्टर से मुलाकात कर निगम क्षेत्र शासकीय भूमि की जानकारी सहित अवैध अतिक्रमण हटाने व रोकथाम जैसे मुद्दों पर की चर्चा

दुर्ग/ नगर पालिक निगम।महापौर अलका बाघमार के मार्गदर्शन में सोमवार को कलेक्टर अभिजीत सिंह से मुलाकात कर कई मुद्दों पर लोक कर्म प्रभारी देवनारायण चन्द्राकर ने वित्त/लेखा प्रभारी नरेंद्र बंजारे,राजस्व व बाजार प्रभारी शेखर चन्द्राकर, विद्युत/यांत्रिकी प्रभारी ज्ञानेश्वर ताम्रकर, स्वास्थ्य विभाग प्रभारी नीलेश अग्रवाल,पार्षद लोकेश्वरी ठाकुर के अलावा पार्षद ललिता ठाकुर द्वारा की चर्चा।



मुलाकात के दौरान लोक कर्म प्रभारी देवनारायण चन्द्राकर ने बताया कि जनहित के विभिन्न निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु शासकीय भूमि की लगातार आवश्यकता होती है, परंतु निकाय क्षेत्रांतर्गत स्थित शासकीय भूमि की वास्तविक वस्तुस्थिति एवं विवरण की जानकारी नगर निगम मे उपलब्ध नहीं है।जिसके कारण योजनाएं तैयार करने में कठिनाई होती है।




लोक कर्म प्रभारी देवनारायण चन्द्राकर व वित्त/लेखा प्रभारी नरेंद्र बंजारे ने कहा कि नगर निगम क्षेत्रांतर्गत स्थित समस्त शासकीय (राजस्व / नजूल इत्यादि) भूमि की विस्तृत जानकारी प्रदान करने हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देशित करने की बात कही।
इसके साथ ही उन्होंने ये भी अनुरोध किया कि नगर निगम दुर्ग मे शासकीय भूमि के चिन्हांकन, सीमांकन, माप, अतिक्रमण हटाने के बाद नया अतिक्रमण न हो हेतु रोकथाम इत्यादि कार्यों हेतु अनुभवी शासकीय राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी की सेवाएं नगर निगम दुर्ग में संलग्न करने हेतु आदेशित करने अनुरोध किया।
प्रभारी ने कलेक्टर को चर्चा में बताया कि नगर निगम क्षेत्रांतर्गत स्थित इंदिरा मार्केट, हटरीबाजार,गंजपारा इत्यादि विभिन्न व्यवसायिक परिसर, मुख्य मार्ग,नया बस स्टैण्ड, रेल्वे स्टेशन मार्ग के साथ सार्वजनिक उपयोग के स्थल पर किये गये अस्थायी एवं स्थायी अतिक्रमणों को जनहित में हटाये जाना अति आवश्यक है।
इस हेतु कानून व्यवस्था की दृष्टि से कार्यकारी मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल की निरंतर आवश्यकता की मांग की। इस संबंध में उन्होंने प्रभावी कार्यवाही हेतु आपकी अध्यक्षता में संबंधित विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेकर दिशा निर्देश आवश्यक है।साथ ही विद्युत/यांत्रिकी विभाग प्रभारी ज्ञानेश्वर ताम्रकर ने बताया कि शहर की प्रकाश व्यवस्था के लिए भी डी एम एफ फंड से एलईडी लाइट खरीदने के लिए कलेक्टर से राशि स्वीकृति की मांग किये है।