नौकरी के नाम पर ठगी का आरोपी गिरफ्तार: पीडब्लूडी विभाग का फर्जी नियुक्ति पत्र थमाया, 10 लाख रुपए ऐंठने का आरोप

भिलाई: लोक निर्माण विभाग में नौकरी का झांसा देकर 10 लाख की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने प्रार्थी को ठगने के लिए फर्जी नियुक्त पत्र तक थमा दिया। प्रकरण में भट्टी थाना पुलिस ने आरोपी अभिजीत विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। सीएसपी भिलाई नगर सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि प्रार्थी अजय कुमार पटेल (31वर्ष) निवासी क्वाटर नंबर 24बी, सड़क 36, सेक्टर 04 ने भट्टी थाने में 9 अप्रैल को रिपोर्ट दर्ज कराई। उसके मुताबिक उसके पिता चिन्तामणी पटेल जो कि भिलाई इस्पात सयंत्र में नौकरी करते है, जिसके साथ अनावेदक रामकुमार कोरी भी बतौर सहकर्मी कार्य करता था|



आरोपी रामकुमार कोरी संयत्र की सेवा से सेवानिवृत्त हो गया। पूर्व परिचय के दौरान चिन्तामणी पटेल को आरोपी रामकुमार कोरी द्वारा बताया गया कि उसका लड़का सिद्धार्थ कोरी जो कि पी.डब्लू.डी. विभाग में नौकरी करता है, उसकी वहॉ अच्छी पकड़ है तुम्हारे बेटे अजय पटेल को भी नौकरी लगवा देगा, जिसके लिए रूपये पैसा देना पड़ेगा। इसी क्रम में सिद्धार्थ कोरी के द्वारा अभिजीत विश्वकर्मा नामक व्यक्ति को पी.डब्लू.डी. विभाग का बड़ा अधिकारी बताकर प्रार्थी के घर मे जाकर मुलाकात कर पी.डब्लू.डी. विभाग से संबधित फार्म भरवाया गया और नौकरी लगाने के नाम पर 10,00,000/- रूपये अक्षरी दस लाख रूपये की मॉग किया गया। जिसके उपरांत प्रार्थी के पिताजी चिन्तामणी पटेल द्वारा अपने एस.बी.आई. बैंक चेक के माध्यम से 5,00,000/- रूपये अक्षरी पॉच लाख रूपये एवं नगद रकम अलग अलग किस्तो में 5,00,000/- रूपये अक्षरी पॉच लाख रूपये रामकुमार कोरी एवं सिद्धार्थ कोरी, अभिजीत विश्वकर्मा को दिया गया। सिद्धार्थ कोरी और अभिजीत विश्वकर्मा के द्वारा पी.डब्लू.डी. विभाग का प्रार्थी अजय कुमार पटेल के नाम का नियुक्ति पत्र एवं परिचय पत्र दिया गया। प्रार्थी के द्वारा नियुक्ती पत्र के संबध में जानकारी करने पर पता चला कि नियुक्ती पत्र फर्जी है।



रामकुमार कोरी एवं सिद्धार्थ कोरी, अभिजीत विश्वकर्मा के द्वारा एक राय होकर प्रार्थी अजय कुमार पटेल को नौकरी लगाने के नाम पर छल एवं बेईमानी पूर्वक रकम लेकर धोखाधड़ी किया गया है जो आरोपीगणों का कृत्य धारा 420,468,468,471,34 भादवि का घटित होना पाये जाने से अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में आवश्यक वैधानिक कार्यवाही कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।