शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा की गारंटी: समस्त स्टाफ का होगा पुलिस वेरिफिकेशन,आपराधिक रिकॉर्ड वाले शिक्षकों पर राज्य सरकार की नकेल

जबलपुर | मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टाफ का अब पुलिस वेरीफिकेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। यह फैसला सभी शासकीय और अशासकीय स्कूलों के स्टाफ पर लागू होगा, जिसमें मदरसों में कार्यरत कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है।



चारित्रिक सत्यापन की प्रक्रिया
शिक्षकों और कर्मचारियों को अपने चारित्रिक सत्यापन और पुलिस वेरीफिकेशन को दो दिन के भीतर पूरा करना होगा। यदि किसी शिक्षक का आपराधिक रिकॉर्ड पाया जाता है, तो उसे स्कूल से हटा दिया जाएगा। यह निर्णय स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा छात्राओं के साथ बढ़ते अपराधों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।



पालक संघ की प्रतिक्रिया
कोरबा जिला पालक संघ के अध्यक्ष नूतन सिंह ठाकुर ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग से भी ऐसी ही कार्रवाई की मांग की, ताकि सभी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन सुनिश्चित किया जा सके।

सुरक्षा का महत्व
हाल के वर्षों में छत्तीसगढ़ में भी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां स्कूल और कॉलेज में कार्यरत स्टाफ पर छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार और यौन अपराधों के आरोप लगे हैं। इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों को शिक्षण संस्थानों से दूर रखना आवश्यक हो गया है।
यह निर्णय न केवल छात्रों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि पालकों में विश्वास भी पैदा करेगा। शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने इस पहल का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे शिक्षा के माहौल में सुधार होगा।