दुर्ग मेडिकल कॉलेज में बड़ा झटका: 9 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा

दुर्ग । दुर्ग जिले के चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में बड़ा फेरबदल हुआ है। यहां के 9 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। इन डॉक्टरों ने प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाए जाने के विरोध में इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने वाले सभी सीनियर डॉक्टर हैं, जिनमें 6 विभागाध्यक्ष और 3 रेजिडेंट डॉक्टर शामिल हैं।




इस्तीफे की वजह




राज्य सरकार ने सरकारी डॉक्टरों के प्राइवेट अस्पताल में प्रैक्टिस करने पर रोक लगा दी है। इसके विरोध में डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगने से उनकी आय में कमी आएगी। साथ ही, सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी है, जिससे मरीजों का इलाज प्रभावित होगा।
डॉक्टरों की मांग
डॉक्टरों ने अपने इस्तीफे में कई मांगें रखी हैं:
प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक हटाई जाए।
सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाई जाएं।
डॉक्टरों की सैलरी में कटौती न की जाए।
नियमित नियुक्ति की जाए।
संविदा डॉक्टरों को नौकरी का आश्वासन दिया जाए।
सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी, प्रोसिजर रूम में उपकरणों की व्यवस्था की जाए।
संविदा डॉक्टरों को भी नियमित डॉक्टरों के समान सुविधाएं दी जाएं।
प्राइवेट अस्पतालों में तनख्वाह सरकारी के तुलना में 2 से 3 गुना ज्यादा होने के कारण प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक न लगाई जाए।
इस्तीफा देने वाले डॉक्टर
डॉ. रुपेश कुमार अग्रवाल, एचओडी पीडियाट्रिक्स
डॉ. नविल शर्मा, एचओडी सर्जरी
डॉ. नरेश देशमुख, एपी एनेस्थीसिया
डॉ. कौशल, एचओडी एनेस्थीसिया
डॉ. समीर कठारे, एचओडी रेडियोलॉजी
डॉ. अंजना, एचओडी ओबीएस और जाइन
डॉ. करण चंद्राकर, एसोसिएट प्रोफेसर पैथोलॉजी
डॉ. सिंघल, एचओडी मेडिसिन
डॉ. मिथलेश कुमार यदु, एसआर पीडियाट्रिक्स
सरकार का आदेश
राज्य सरकार ने 2 अगस्त को आदेश जारी किया था कि सरकारी डॉक्टर प्राइवेट अस्पताल में प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं। इसके विरोध में डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। सरकार का कहना है कि यह आदेश मरीजों के हित में लिया गया है