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दुर्ग

कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा में कृषक प्रशिक्षण संपन्न

दुर्ग | इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के सी.एस.एस.एम.आई.डी.एच. योजना अंतर्गत विगत दिवस कृषि विज्ञान केन्द्र, पाहंदा (अ) दुर्ग में कृषक प्रशिक्षण आयोजित की गई। इस अवसर पर परियोजना के प्रभारी एवं विभागाध्यक्ष (पादप प्रजनन विभाग) डॉ. पी.के. जोशी, प्राध्यापक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर ने औषधीय, सुगंधिक एवं मसाला फसलों के बाजार तक पहुंचने के लिये कैसे प्रसंस्करण कराया जाय,

व्यवसायिक यूनिट स्थापित करने के लिये प्रोजेक्ट तैयार कैसे किया जाय, फण्ड की व्यवस्था, सूनिश्चित विक्रय जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला। उद्यानिकी विभाग छ.ग. शासन के उप संचालक  सुरेश ठाकुर ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं जो औषधीय, सुगंधीय एवं मसाला फसलों के लिये विभिन्न सहायता अनुदान प्रदान करती है से किसानों को अवगत कराया।

कृषि विज्ञान केन्द्र, पाहंदा (अ) दुर्ग के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. विजय जैन ने हल्दी उत्पादन में उपज कैसे बढ़ायी जाय, बाजार मांग, कच्ची हल्दी, सूखी हल्दी की साथ ही हल्दी की प्रोसेसिंग कर पावडर बनाने की विस्तृत जानकारी प्रदान की। डॉ. कमल नारायण वर्मा ने दुर्ग जिले में धनिया उत्पादन में प्रति एकड़ 6-7 क्ंिवटल धनिया उत्पादन की तकनीक पर किसानों को अवगत कराते हुए|

बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र प्रतिवर्ष 15-17 क्ंिवटल धनिया बीज उत्पादन कर दुर्ग सहित अन्य जिलों को भी बीज उपलब्ध कराता है।

फसलों के कीट एवं रोगों की रोकथाम पर डॉ. ईश्वरी कुमार साहू, फसलों के अधिक उत्पादन के लिये मृदा प्रबंधन पर डॉ. ललिता रामटेके व प्रक्षेत्र में धनिया, अजवायन एवं हल्दी के उगत बीज उत्पादन कार्यक्रम का जीवंत फसल उत्पादन प्रदर्शन किसानों को डॉ. आरती टिकरिहा एवं मती सृष्टि तिवारी ने करवाया। दुर्ग जिले के 100 से अधिक प्रगतिशील कृषकों ने प्रशिक्षण में भाग लिया

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