खैरागढ़ नगर पालिका में 10.93 लाख का घोटाला: स्वच्छता श्रृंगार योजना की राशि में बंदरबांट

खैरागढ़। नगर पालिका खैरागढ़ एक बार फिर विवादों के घेरे में है। स्वच्छता श्रृंगार योजना के तहत सार्वजनिक शौचालयों की सफाई और देखरेख के नाम पर 10.93 लाख रुपये की बंदरबांट का मामला उजागर हुआ है। भिलाई की शोभा वेलफेयर एजेंसी को खैरागढ़ के 19 शौचालयों की देखभाल का ठेका दिया गया था, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि शौचालयों की स्थिति बेहद बदहाल है।



टूटे हुए टाइल्स, गंदगी और दुर्गंध से भरे शौचालयों में न तो सफाईकर्मी मौजूद हैं और न ही किसी प्रकार का रखरखाव किया गया। इसके बावजूद एजेंसी को हर महीने 1.8 लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा है।



भ्रष्टाचार का पुराना रिकॉर्ड
यह पहला मौका नहीं है जब खैरागढ़ नगर पालिका पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इससे पहले जिम सामग्री खरीदी में 37 लाख रुपये और आरसीसी कुर्सी घोटाले में लाखों रुपये की गड़बड़ी सामने आई थी।

राजनीतिक बयानबाजी तेज
सांसद प्रतिनिधि भागवत शरण सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासनकाल में सरकारी धन की बंदरबांट के लिए योजनाएं बनाई गईं। दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने भाजपा पर जांच रोकने और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।
सीएमओ ने दिए जांच के आदेश
सीएमओ प्रमोद शुक्ला ने मीडिया से मामले की जानकारी मिलने के बाद ठेकेदार को नोटिस जारी किया और जांच का भरोसा दिलाया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर रायपुर में शिकायत दर्ज कराने और खैरागढ़ में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
क्या भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम?
इस घोटाले ने खैरागढ़ की नगर पालिका की कार्यप्रणाली और स्वच्छता योजनाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि इस घोटाले पर कार्रवाई होती है या यह मामला भी दबा दिया जाएगा।