महिला सरपंचों को मिला अधिकार, अब एसपी साहब का नहीं चलेगा जलवा!

रायपुर: छत्तीसगढ़ की ग्राम पंचायतों में महिला सरपंचों को अब पूरी स्वतंत्रता मिलेगी। राज्य सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत अब सरपंच पतियों को ग्राम पंचायतों के कामकाज में किसी भी प्रकार का दखल देने का अधिकार नहीं होगा। यह आदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है, जो विशेष रूप से उन एसपी (सरपंच पतियों) के लिए है, जो पहले अपने पतियों की जगह पंचायत के कामकाज में हस्तक्षेप करते थे।



केंद्र सरकार के निर्देश पर छत्तीसगढ़ शासन ने यह फैसला लिया है कि अब ग्राम पंचायतों के संचालन, पर्यवेक्षण और नियोजन में सरपंच पतियों के हस्तक्षेप पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। इस आदेश के बाद, पंचायत परिसरों में इन “एसपी साहब” की एक भी नहीं चलेगी, बशर्ते शासन के आदेश का पालन ईमानदारी से किया जाए।



पूर्व में यह देखा गया था कि कई सरपंच पतियां अपने पतियों की जगह पंचायतों के कामकाज में दखल देते थे, जो असंवैधानिक था। महिला सरपंचों को केवल हस्ताक्षर करने और अंगूठा लगाने तक सीमित कर दिया जाता था, जबकि उनके पतियों को सारी जिम्मेदारी निभाने का मौका मिलता था। यही नहीं, इन गतिविधियों के जरिए कई बार भ्रष्टाचार भी हुआ था।

अब राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि महिला सरपंचों को उनके अधिकार मिलें और वे स्वतंत्र रूप से अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें। इस आदेश के बाद, किसी भी सरपंच पति को अपनी पत्नी के नाम पर ग्राम पंचायत के कामों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होगी और अगर ऐसा किया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।