ब्रेकिंग
उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने में उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के कार्य सराहनीय – अरुण साव मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने युवाओं के साथ किया आत्मीय संवाद श्रमिक कल्याण और ऊर्जा के क्षेत्र में विकास को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री विष्णु देव स... दुर्ग में दो अलग-अलग घटनाओं में दो युवक की मौत, एक की लाश नदी में मिली, दूसरा तालाब में डूबा न्यायमूर्ति अभय मनोहर स्प्रे, अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट ऑन रोड सेफ्टी के द्वारा आज दिनांक को दुर्ग जिले ... सुशासन तिहार के प्रथम चरण में 109452 आवेदन प्राप्त हुए - मांग के 106421 आवेदन एवं शिकायत के 3031 आव... शिवनाथ नदी पुल के नीचे मिला अज्ञात व्यक्ति का शव, पुलिस जांच में जुटी गया नगर में युवक ने लगाई फांसी, कारणों की जांच में जुटी पुलिस तेज रफ्तार एसयूवी की टक्कर से आठ लोग घायल, पुलिस ने आरोपी चालक को पकड़ा नागपुर रेलवे स्टेशन पर सीजी सुपरफास्ट न्यूज चैनल के सम्पादक सुरेश गुप्ता की खास बातचीत: कारीगिरी और ...
छत्तीसगढ़

सड़कों पर बढ़ता मौत का आंकड़ा: प्रशासन की नींद कब टूटेगी? : अरुण वोरा

दुर्ग। शहर और प्रदेशभर में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही और संबंधित विभागों की निष्क्रियता के कारण कीमती जिंदगियां आकस्मिक काल के गाल में समा रही हैं। हाल ही में धमधा नाका ओवरब्रिज पर हुए भीषण सड़क हादसे में 28 वर्षीय संस्कार शर्मा (पुत्र स्व. रमेश शर्मा, निवासी चांदनी चौक, गंजपारा) की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा शुक्रवार दोपहर 1:30 से 2 बजे के बीच हुआ, जब एक तेज रफ्तार हाईवा ने स्कूटी सवार संस्कार शर्मा को कुचल दिया। लेकिन यह कोई इकलौता मामला नहीं है—प्रदेशभर में सड़क सुरक्षा की अनदेखी के चलते निर्दोष लोग आकस्मिक काल के गाल में समा रहे हैं।

-अरुण वोरा ने व्यक्त किया गहरा दुख, प्रशासन को घेरा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक अरुण वोरा ने इस दर्दनाक घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए संस्कार शर्मा के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा-“क्या प्रशासन को नागरिकों की जिंदगी की कोई परवाह नहीं? दिन-ब-दिन बढ़ते सड़क हादसों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? हम सरकार और संबंधित विभागों से मांग करते हैं कि तुरंत सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।”

-सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी खामियां
ओवरब्रिज और प्रमुख सड़कों पर स्पीड लिमिट संकेतक बोर्ड क्यों नहीं लगाए गए?
ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उनके सुधार की कोई कार्ययोजना क्यों नहीं बनाई जा रही?
CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाकर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही?
रात के समय ब्रिजों और मुख्य मार्गों पर प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त क्यों नहीं की जा रही?
हाईवा, ट्रक और भारी वाहनों की अनियंत्रित रफ्तार पर प्रशासन अंकुश लगाने में विफल क्यों है?

-वोरा ने मुख्यमंत्री, PWD मंत्री और कलेक्टर को लिखा पत्र
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए वोरा ने मुख्यमंत्री, लोकनिर्माण मंत्री (PWD) और दुर्ग कलेक्टर को पत्र लिखकर तुरंत प्रभाव से निम्नलिखित मांगें रख हैं—
✔ हर ओवरब्रिज और मुख्य सड़क पर स्पीड लिमिट बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाया जाए।
✔ ब्लैक स्पॉट्स को चिह्नित कर वहां चेतावनी संकेतक और बैरिकेडिंग लगाई जाए।
✔ ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो और जुर्माना बढ़ाया जाए।
✔ CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए और ट्रैफिक पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए।
✔ रात के समय ब्रिजों और मुख्य मार्गों पर पर्याप्त स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जाए।
-क्या सरकार केवल हादसों के बाद जागेगी?
यह कोई पहला मामला नहीं है जब सड़क पर किसी मासूम की जान गई हो। यदि समय रहते प्रशासन चेत जाए और सही दिशा में कदम उठाए, तो भविष्य में होने वाले कई हादसों को रोका जा सकता है। अब देखना यह है कि क्या सरकार इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय लेगी या फिर जनता को यूं ही हादसों के हवाले छोड़ दिया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button