पहलगाम आतंकी हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल: हनीमून पर गए थे, 5 दिन पहले ही हुई थी शादी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के 26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत ने पूरे देश को गमगीन कर दिया है। हरियाणा के करनाल निवासी विनय की मौत की खबर उनके घर पहुंचते ही खुशियों से भरा माहौल मातम में बदल गया।



विनय नरवाल की शादी 16 अप्रैल को गुरुग्राम की हिमांशी से हुई थी। 19 अप्रैल को करनाल में रिसेप्शन आयोजित किया गया और इसके बाद 21 अप्रैल को नवविवाहित जोड़ा हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर रवाना हुआ। लेकिन किसे पता था कि ये यात्रा आखिरी साबित होगी।




बैसरन घाटी में हुआ हमला, हिमांशी सुरक्षित
बुधवार को पहलगाम की बैसरन घाटी में विनय नरवाल पर आतंकियों ने हमला कर दिया। हिमांशी ने बताया कि आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी। हालांकि वह खुद सुरक्षित बच गईं। यह हमला कितना क्रूर था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हमलावरों ने पहले धर्म पूछा, फिर चुनकर निर्दोषों को मौत के घाट उतारा।
शादी की तस्वीरें अब बन गईं यादें
शादी की थकान अभी घर में उतरी भी नहीं थी कि विनय के पार्थिव शरीर ने घर की चौखट लांघी। सोशल मीडिया पर एक वायरल तस्वीर ने देश को झकझोर दिया, जिसमें हिमांशी अपने पति के शव के पास बैठी नजर आ रही हैं। एक ओर हाल ही में सात फेरे लिए थे, और अब शमशान की राख में मिल गईं वो कसमें।
इकलौते बेटे की शहादत ने तोड़ा परिवार
विनय अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। तीन साल पहले भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे और कोच्चि में ड्यूटी पर थे। उनका सपना था देश की सेवा करना, और उन्होंने वही करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी।
भारतीय नौसेना ने जताया शोक
भारतीय नौसेना की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर शोक व्यक्त किया गया है। बयान में कहा गया, “नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और सभी कार्मिक लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की दुखद मृत्यु से स्तब्ध और अत्यंत दुखी हैं। यह नृशंस आतंकी हमला बेहद निंदनीय है। हम उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं।”
देश भर में आक्रोश, हमलावरों को सजा की मांग
लेफ्टिनेंट नरवाल की शहादत ने देशवासियों को झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और सभी आतंकी हमले के दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं।
एक हनीमून यात्रा, जो नए जीवन की शुरुआत होनी थी, एक खौफनाक अंत बन गई। लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की वीरता और बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा।