CG में गोवर्धन पूजा की अनोखी परंपरा: नेताओं ने भी निभाया सोंटा से मार खाने का रिवाज

छत्तीसगढ़ में गौरा-गौरी पूजा में नेता भी सोंटा (एक प्रकार का हंटर) खाते नजर आ रहे हैं। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इस बार भी सोंटा लेते नजर आए। वहीं रायपुर दक्षिण विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी आकाश शर्मा भी सोंटा का वार सहते दिखे।



इससे पहले कबीरधाम जिले में डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भी सोंटा का प्रहार सहा था। गौरा-गौरी की पूजा के दौरान सोंटा से मार खाने की परंपरा है। आपको बताते हैं सोंटा परंपरा और छत्तीसगढ़ के नेताओं की दिवाली के बारे में…



पहले देखिए कैसे सोंटा ले रहे नेताजी…
क्यों मारा जाता है सोंटा?
पैरे से बनी रस्सी या हंटर जिसे सोंटा कहा जाता है। इसे एक आदमी दूसरे के हाथ पर प्रहार करता है। सोंटा मारने की परंपरा छत्तीसगढ़ के हर गांव और शहरी इलाके के मोहल्ले में गौरा-गौरी पूजा के दौरान की जाती है। थोड़ा दर्द सहकर ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति को प्रकट किया जाता है। इस परंपरा से अनिष्ट की आशंका टल जाती है।
भूपेश बघेल ने कहा कि यह परंपरा सबकी खुशहाली के लिए निभाई जाती है। इससे अपनों के बीच कोई मलाल रहता है, तो वो दूर हो जाता है। कोई कितना भी बड़ा आदमी हो जाए। गौरा-गौरी के सामने सब बराबर हैं।
गौरा-गौरी पूजा का है विशेष महत्व
छत्तीसगढ़ में दीपावली के मौके पर गौरी-गौरा (शंकर और पार्वती) के पूजन का विशेष महत्व है। दिवाली की रात गौरी-गौरा की प्रतिमा स्थापित करके पूजा की जाती है। इसके बाद गाजे-बाजे के साथ प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है। इस दौरान लोग नाचते गाते हैं। खुद को सोंटा मरवाते हैं।
पहली महिला विधायक से मिलने पहुंचे सोनी
एक तरफ जहां आकाश शर्मा सोंटा खाते दिखे तो वहीं भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी भी प्रचार में जुटे हैं। वे रायपुर की पहली महिला विधायक रजनी ताई उपासने से मिलने पहुंचे। उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी। इससे पहले दिवाली पर बृजमोहन अग्रवाल सुनील सोनी की दुकान पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपनी पत्नी के साथ सोनी की दुकान से शॉपिंग की थी।