सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी: केंद्रीय एजेंसी कर्मचारियों की राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तारी पर रोक

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य पुलिस द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसियों के कर्मचारियों की गिरफ्तारी के मामले में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे केंद्रीय कर्मचारियों के अधिकारों का हनन हो और साथ ही राज्य पुलिस के भ्रष्टाचार मामलों की जांच के अधिकार भी प्रभावित न हों।



यह टिप्पणी तमिलनाडु के उस मामले के संदर्भ में आई है, जहां एक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी को 20 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। तमिलनाडु के एडिशनल एडवोकेट जनरल अमित आनंद तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में भ्रष्टाचार-निरोधक अधिनियम के तहत जांच लगभग पूरी हो चुकी है।



जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुयान की बेंच ने कहा कि इस तरह के मामलों में संघीय ढांचे को ध्यान में रखते हुए व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी को निष्पक्ष जांच का अधिकार है। उन्होंने यह मामला “केंद्र बनाम राज्य” का क्लासिक उदाहरण बताया और कहा कि भविष्य में ऐसे मामलों की जांच के लिए एक समुचित सिस्टम बनाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आरोपी ईडी अधिकारी को अंतरिम जमानत प्रदान करते हुए अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।