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छत्तीसगढ़

कानून व्यवस्था बनाए रखना और अपराधियों पर नकेल कसना ही मेरा मुख्य उद्देश्य: IPS रामगोपाल गर्ग

भिलाई | — दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रामगोपाल गर्ग ने अपने अब तक के सफर को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने किस तरह अपनी मेहनत और संघर्ष से यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी उन्हें और उनके भाई-बहनों को अच्छी शिक्षा दी।

शिक्षा और करियर की शुरुआत: रामगोपाल गर्ग का जन्म पंजाब राज्य के भटिंडा जिले में हुआ था। उनके माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया। रामगोपाल ने बताया कि पिताजी की छोटी सी किराना दुकान थी, जिसमें उतना पैसा नहीं था कि बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जा सके। इसके बावजूद उन्होंने लोन लेकर बच्चों को पढ़ाया और आज उनका परिवार पोस्ट-ग्रेजुएट है। एक भाई बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत है और एक बहन लेक्चरर है।

आईजी रामगोपाल गर्ग की प्रारंभिक शिक्षा पंजाब के एक साधारण पंजाबी स्कूल से हुई। इसके बाद, उन्होंने शासकीय कॉलेज से फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स में 11वीं और 12वीं तक की पढ़ाई की। 1997 में, उन्होंने थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पटियाला से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और गोल्ड मेडल से सम्मानित हुए।

व्यावसायिक सफर: 2001 में, उन्होंने मोटोरोला कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर बंगलुरू में काम करना शुरू किया, लेकिन बाद में UPSC की परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। 2007 में उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की परीक्षा में सफलता प्राप्त की और इसी वर्ष उन्हें IIM कोलकाता में एडमिशन भी मिल गया था, लेकिन उन्होंने सिविल सर्विसेज को प्राथमिकता दी।

पुलिस सेवा में योगदान: आईजी रामगोपाल गर्ग ने 2008 में नेशनल पुलिस एकेडमी हैदराबाद से पुलिस ट्रेनिंग पूरी की और उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर आवंटित हुआ। उनके पुलिस सेवा के शुरुआती साल राजनांदगांव में बीते, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए। इसके बाद, उन्हें बीजापुर, गरियाबंद, कोरिया, बालोद और अन्य जिलों में एसपी के रूप में कार्य करने का मौका मिला।

उनके कार्यकाल में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा की व्यवस्था मजबूत की गई और कई पुलिस थाना खोले गए, जिससे नक्सली गतिविधियों में कमी आई। 2014 में, उन्होंने सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर काम किया, जहां उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई बड़े अभियानों को सफलतापूर्वक चलाया और कई भ्रष्ट अधिकारियों को सजा दिलवाई।

सीबीआई में कार्यकाल: सीबीआई में रहते हुए उन्होंने राम रहीम केस, चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित मामलों और कई अन्य महत्वपूर्ण केसों पर काम किया। जनवरी 2019 में, वह सीबीआई मुख्यालय, दिल्ली में पदस्थ हुए और कई बड़े मामलों में सफलता प्राप्त की।

छत्तीसगढ़ में पुनः वापसी: मई 2022 में रामगोपाल गर्ग को छत्तीसगढ़ वापस बुलाया गया और उन्हें डीआईजी राजनांदगांव और सरगुजा रेंज प्रभारी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने का मौका मिला। 2023 में उन्हें दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के रूप में नियुक्त किया गया। उनके मार्गदर्शन में दुर्ग जिले में विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ और बाद में फरवरी 2024 में उन्हें पुलिस महानिरीक्षक के रूप में प्रमोशन मिला।

जीवन के आदर्श और रुचियां: आईजी रामगोपाल गर्ग ने भगत सिंह और अपने माता-पिता को अपना आदर्श बताया। वह क्रिकेट, टेनिस और म्यूजिक सुनने में भी रुचि रखते हैं। उनका मानना है कि पुलिस का काम है लोगों की मदद करना, सिस्टम में सुधार लाना, कानून व्यवस्था बनाए रखना और अपराधियों पर नकेल कसना।

निष्कर्ष: रामगोपाल गर्ग का जीवन संघर्ष और प्रेरणा का प्रतीक है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी से न केवल अपने करियर में सफलता प्राप्त की, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाने में अपनी भूमिका निभाई। उनका मानना है कि हर चुनौती एक अवसर है और इसे स्वीकार करके ही सफलता प्राप्त की जा सकती है।

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