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भिलाई

आज लगेगी नेहरू आर्ट गैलरी में इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के पूर्व छात्राओं के पेटिंग्स की समूह प्रदर्शनी

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित, नेहरू
आर्ट गैलरी में इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के पूर्व
छात्राओं द्वारा निर्मित पेंटिंग्स की एक विशेष समूह प्रदर्शनी का आयोजन
किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी में अनन्त साहू, हुकुम लाल
वर्मा और  जितेन साहू द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स प्रदर्शित की जाएगी।

इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 13 फरवरी को मुख्य अतिथि, मुख्य महाप्रबंधक प्रबंधन
सेवाएँ, बीएसपी डी.एल. मोइत्रा द्वारा संध्या 5:30 बजे किया जाएगा।
इसमें शामिल सभी कलाकार छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश-विदेश में काफी लंबे
समय से कला गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।

सभी कलाकार वर्तमान में कुछ वर्षों से लगातार छत्तीसगढ़ में रहकर कला सृजन कर रहे
हैं। यह प्रदर्शनी 13 से 15 फरवरी  तक आयोजित की जाएगी और प्रतिदिन
संध्या 5:30 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक आम जनता के लिए खुली रहेगी।
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के निवासी हुकुम लाल वर्मा एक प्रसिद्ध
चित्रकार हैं।

उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से एम
एफ ए की डिग्री प्राप्त की और कला की दुनिया में कई पुरस्कारों से
सम्मानित हुए हैं। उनकी कला को भारत भवन, नई दिल्ली और भोपाल जैसे प्रमुख
स्थानों पर प्रदर्शित किया गया है। हुकुम लाल कई व्यक्तिगत और समूह
प्रदर्शनी कर चुके हैं।

हुकुम लाल देश-विदेश के महत्वपूर्ण कला प्रदर्शनियों और कला शिविरों में सक्रिय भागीदारी निभा चुके हैं। भारत सरकार के संस्कृत विभाग से सीनियर फैलोशिप प्राप्त हुकुम खैरागढ़ के पास अपने पैतृक गांव नवागांव क_ा में रहकर कला साधना कर रहे हैं। उनके चित्रों में रंग-रेखा और रूप माध्यम के रूप में होते हैं, जो कलाकार को अमूर्तता में स्वतंत्र रूप से रंगों का उपयोग करने का अवसर प्रदान करते हैं।

उनके चित्र अमूर्त अभिव्यंजनावादी शैली के होते हैं। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से बी एफ ए और एम एफ ए की डिग्री प्राप्त करने वाले श्री जितेन साहू एक प्रतिभाशाली कलाकार हैं। वे नई दिल्ली, भोपाल, और हैदराबाद में अपनी कला प्रदर्शित कर चुके हैं एवं उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

इसके अलावा उनकी हिंदी कविताएं तेवर, आज कल, और पहल जैसी पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। जितेन साहू एक कला शिक्षक हैं, इसलिए उनका ट्रांसफर विभिन्न स्थानों में होता रहता है। लेकिन उनके ह्रदय में अपने गांव टेगनमाड़ा से खैरागढ़ और बस्तर की स्मृतियाँ अधिक हैं।

उनके चित्रों में दृश्य बहुत स्पष्ट होते हैं, और कहीं-कहीं पर आभासीय भी यथार्थ का बोध कराते हैं। कई बार उनकी कलाकृतियों में यथार्थ से अधिक कल्पना होती है। उनकी कृतियाँ दर्शक को सोचने पर और जिज्ञासा उत्पन्न करने में सक्षम होती हैं। श्री जितेन कई देशों की प्रदर्शनी में भाग ले चुके हैं। उनके चित्र-मूर्ति निजी और संस्थागत संग्रह में संग्रहित हैं।

वे वर्तमान में रायपुर में रहकर कला साधना कर रहे हैं। अनन्त कुमार साहू का जन्म छत्तीसगढ़ के पटेवा में हुआ। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से बी एफ ए और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पीएचडी (विज़ुअल आट्र्स) की उपाधि से सम्मानित  अनंत कुमार साहू एक प्रमुख कलाकार और कला क्षेत्र के शिक्षा विशेषज्ञ हैं।

अनन्त देश-विदेश में कई सामूहिक प्रदर्शनी और लगभग 9 एकल प्रदर्शनी दिल्ली, मुंबई, इलाहाबाद, बड़ौदा, भोपाल, हालैंड आदि जगहों पर आयोजित कर चुके हैं। उन्होंने देश के महत्वपूर्ण प्रदर्शनी में भी भागीदारी की है। भारत सरकार से सीनियर फैलोशिप प्राप्त श्री अनन्त जल, जंगल और जमीन से जुड़ी जीवन की वर्तमान परिवेश परिस्थितियों पर आधारित कलाकृतियाँ सृजित करते हैं।

वे अपने कृतियों में जीवन में पशु और प्रकृति की एक दूसरे पर निर्भरता और स्वायत्तता को दर्शाते हैं। अनन्त अति यथार्थवादी शैली में सृजन करते हैं। वे कला जगत में सम्मानित रहे हैं। साथ ही श्री अनंत कुमार साहू ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला का प्रदर्शन किया है।

 

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