विधायक ईश्वर साहू के नाम से वायरल आपत्तिजनक पोस्ट पर बवाल, कांग्रेस ने की माफी की मांग – विधायक बोले: फर्जी अकाउंट से रची गई साजिश

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सियासत में इन दिनों सोशल मीडिया की एक पोस्ट से जबरदस्त हलचल मची हुई है। साजा से भाजपा विधायक ईश्वर साहू के नाम से बने एक फेसबुक अकाउंट से की गई दो आपत्तिजनक पोस्ट ने विवाद खड़ा कर दिया है। इन पोस्ट्स में देश की उच्च न्यायपालिका, जजों और वकीलों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है। इतना ही नहीं, कांग्रेस नेताओं को आतंकवादी कहने वाली टिप्पणियां भी इन पोस्ट्स में शामिल हैं।





पोस्ट के वायरल होते ही प्रदेश कांग्रेस हमलावर हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने विधायक को न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने का दोषी ठहराते हुए उनसे माफी की मांग की है। उन्होंने भाजपा से जवाब भी मांगा कि अगर अकाउंट फर्जी है, तो इतने घंटे तक पार्टी चुप क्यों रही?




इधर, विधायक ईश्वर साहू ने वीडियो जारी कर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनके नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर यह साजिश रची गई है। साहू ने कहा, “मुझे इन पोस्ट्स की कोई जानकारी नहीं थी। मेरी छवि को खराब करने के लिए यह सोची-समझी चाल है। इसमें विपक्ष का हाथ हो सकता है।” विधायक ने बताया कि उन्होंने बेमेतरा एसपी को शिकायत देकर FIR दर्ज कराई है।
डिप्टी सीएम का बचाव, बोले- यह विपक्ष की चाल
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा, “आजकल फर्जी अकाउंट बनाना और हैकिंग आम बात हो गई है। कांग्रेस एक फर्जी पोस्ट को मुद्दा बनाकर सस्ती राजनीति कर रही है। विधायक साहू ने तत्काल एफआईआर दर्ज कराई, जो उनकी नीयत साफ दिखाता है।”
क्या था पोस्ट का विवादित कंटेंट?
वायरल हुए एक पोस्ट में लिखा गया था:
“हमारे देश में दो कोठा हैं, एक हाई कोठा और सुप्रीम कोठा, जिसमें वकील और जज के रूप में कांग्रेस के बैठे हुए आतंकवादी हैं, जो देश के हिंदुओं की बर्बादी के लिए बनाए गए हैं।”
एक अन्य पोस्ट में राम मंदिर और वक्फ बोर्ड को लेकर भी न्यायपालिका पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है।
इन दोनों पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं और लोगों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
कांग्रेस का तीखा हमला
कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि इस तरह की भाषा लोकतंत्र और न्यायपालिका का अपमान है। उन्होंने कहा, “BJP की मानसिकता ही ऐसी है। अगर यह अकाउंट फर्जी था तो पार्टी ने इतने घंटों तक चुप्पी क्यों साधे रखी?”
जांच में जुटी पुलिस
फिलहाल, पुलिस ने मामले में तकनीकी जांच शुरू कर दी है और फर्जी अकाउंट के पीछे की साजिश का खुलासा करने की कोशिश जारी है।