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शिक्षकों का आंदोलन: छत्तीसगढ़ में 80% स्कूलों में पढ़ाई ठप

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर गुरूवार को एक दिवसीय आंदोलन का संभाग में व्यापक असर पड़ा। सरगुजा के 80 फीसदी स्कूलों में पढ़ाई ठप रही। हजारों की संख्या में शिक्षक अवकाश पर रहे। जिला मुख्यालयों में धरना देकर शिक्षकों ने अपनी मांगों को पूरा करने की मांग रखी।

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना, शिक्षकों की वेतन विसंगति, पदोन्नति, पेंशन योजना, महंगाई भत्ता समेत अन्य मांगों को लेकर गुरूवार को सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन किया। आंदोलन के लिए शिक्षकों ने संस्था प्रमुखों को सामूहिक अवकाश का आवेदन सौंपा था। शिक्षकों की अतिरिक्त व्यवस्था के कारण स्कूलों में ताले तो नहीं लगे, लेकिन पढ़ाई ठप रही।

धरना देकर किया प्रदर्शन सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में जिले के शिक्षकों ने बड़ी संख्या में प्रदर्शन में हिस्सा लिया। संघर्ष मोर्चा के जिला प्रभारी मनोज वर्मा ने दावा किया कि जिले में करीब 10 हजार शिक्षक हड़ताल पर हैं। शिक्षकों के आंदोलन के कारण 80 फीसदी स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो सकी।

मांगें नहीं मानी तो उग्र होगा आंदोलन संघर्ष मोर्चा पदाधिकारियों ने कहा कि यह संविलयन के बाद सबसे बड़ा आंदोलन है। आज दूसरे चरण में आंदोलन किया जा रहा है। इसके बाद भी मांगे नहीं मानी गईं तो प्रदेश व्यापी आंदोलन होगा एवं इसके बाद स्कूलों में तालाबंदी का ऐलान किया जाएगा।

स्कूलों में तालाबंदी की स्थिति नहीं डीईओ अशोक सिन्हा ने कहा कि शिक्षकों के आंदोलन के दौरान स्कूलों में तालाबंदी की स्थिति नहीं बनीं। जिन स्कूलों में सभी शिक्षक हड़ताल पर चले गए थे, वहां बीईओ को दूसरे स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी।

सेवा शून्य करना अन्याय मोर्चा के संभागीय संचालक हरेंद्र सिंह ने कहा कि, शिक्षकों की सेवा की गणना उनकी पहली नियुक्ति तिथि से न किए जाने से शिक्षकों को पेंशन, क्रमोन्नति में बराबर का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सहायक शिक्षकों के वेतन में असमानता को लेकर लंबे समय से असंतोष है। 20 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद उन्हें सम्पूर्ण पेंशन का अधिकार दिए जाने की मांग भी प्रमुख रूप से शामिल हैं।

बलरामपुर व सूरजपुर में भी व्यापक असर बलरामपुर एवं सूरजपुर जिलों में भी शिक्षक गुरूवार को सामूहिक अवकाश पर रहे एवं जिला मुख्यालयों में धरना दिया। इसके कारण दोनों जिलों में पढ़ाई ठप रही। शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने प्रदेशभर में करीब एक लाख शिक्षकों के आंदोलन में शामिल होने का दावा किया है।

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