प्रयागराज महाकुंभ: प्रमुख नेताओं की संगम में आस्था की डुबकी

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के बीच प्रमुख नेताओं के आगमन का सिलसिला लगातार जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित कई प्रमुख नेता महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचेंगे। इन नेताओं के संगम में आस्था की डुबकी लगाने का सिलसिला श्रद्धालुओं में खासा उत्साह पैदा कर रहा है।



PM मोदी 5 फरवरी को करेंगे स्नान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंचेंगे। वह धार्मिक आस्थाओं का पालन करते हुए संगम में स्नान करेंगे, जो लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक अहम पल होगा। पीएम मोदी अपने स्पेशल विमान से प्रयागराज एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे, जहां उनकी भव्य स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं।



राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 10 फरवरी को करेंगी स्नान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 10 फरवरी को महाकुंभ में शिरकत करने के लिए प्रयागराज पहुंचेंगी। यह उनका पहला महाकुंभ होगा, जिसमें वह संगम में पवित्र स्नान करेंगी। उनका आगमन एक ऐतिहासिक पल होगा, खासकर उनके पहले महाकुंभ में भाग लेने के रूप में।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 1 फरवरी को करेंगे शिरकत
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 1 फरवरी को महाकुंभ में शामिल होंगे और संगम में स्नान करेंगे। उनके आगमन का शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है, और इस अवसर पर उनके स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं।
अमित शाह 27 जनवरी को करेंगे महाकुंभ में शिरकत
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 27 जनवरी को महाकुंभ में शिरकत करेंगे। वह संगम स्नान करेंगे, गंगा पूजन करेंगे और अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें करेंगे। उनके आगमन को लेकर यूपी पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हो गई हैं।
45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
इस बार महाकुंभ में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जो पिछले महाकुंभ से कहीं अधिक है। हर 12 साल में आयोजित होने वाले इस महाकुंभ में इस बार विशेष रूप से 144 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसे लेकर श्रद्धालुओं में खासा जोश है।
AI बेस्ड कैमरों से गिनती
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर, यूपी सरकार ने इस बार AI-बेस्ड कैमरों का उपयोग किया है ताकि श्रद्धालुओं की सही गिनती की जा सके। इस तकनीकी पहल से महाकुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा सटीक तरीके से जुटाया जा सकेगा।