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दुर्ग

भारत-पाक तनाव के बीच दुर्ग में आज होगी मॉकड्रिल, आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का परीक्षण

दुर्ग: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने देशभर में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए मॉकड्रिल कराने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 7 मई को व्यापक स्तर पर मॉकड्रिल आयोजित की जा रही है। जिला प्रशासन ने इसके लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।

कलेक्टर की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक
दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह की अध्यक्षता में सोमवार शाम एक विशेष बैठक बुलाई गई, जिसमें एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, सिविल डिफेंस और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में मॉकड्रिल की रूपरेखा तय की गई और सभी विभागों को उनकी भूमिका के अनुसार जिम्मेदारियां सौंपी गईं।

गृह मंत्रालय का निर्देश
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने देश के 244 नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर मॉकड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया है। इसका उद्देश्य युद्ध या आतंकी हमलों जैसी आपात परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है। दुर्ग इस लिस्ट में शामिल है और यहां की मॉकड्रिल को मॉडल के रूप में भी देखा जा रहा है।

मॉकड्रिल में मुख्य फोकस बिंदु:

हवाई हमले के सायरन की जांच और नागरिकों में जागरूकता फैलाना।

सायरन बजते ही स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर नागरिकों को सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाना।

ब्लैकआउट का अभ्यास – हवाई हमले के दौरान सभी लाइटें बंद करना।

संवेदनशील संस्थानों और संयंत्रों को ढंकने तथा छिपाने का रिहर्सल।

हमले के संभावित स्थानों को तत्काल खाली कराना और वैकल्पिक रास्तों का प्रयोग।

आपातकालीन प्रशिक्षण का अवसर
कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा कि यह मॉकड्रिल न केवल प्रशासनिक तैयारी की परीक्षा है, बल्कि नागरिकों के लिए एक आवश्यक प्रशिक्षण भी है। युद्ध या आपदा की स्थिति में जान-माल की रक्षा तभी संभव है जब लोग सजग और प्रशिक्षित हों। सिविल डिफेंस, रेडक्रॉस और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोग भी इस मॉकड्रिल का हिस्सा बनेंगे।

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