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छत्तीसगढ़

शिक्षा को शर्मसार करने वाली घटना: शिक्षक-शिक्षिका पर कड़ी कार्रवाई

बलरामपुर |बलरामपुर के पहाड़ी कोरवा बालक आश्रम में शिक्षा जगत को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। जहां आश्रम के अधीक्षक रंजीत कुमार और शिक्षिका को ग्रामीणों ने एक ही कमरे में रंगे हाथों पकड़ा। रंजीत कुमार ने बिना किसी अनुमति के शिक्षिका को रात में हॉस्टल में ठहराया था। यह घटना छात्रों ने देखी और उसके बाद ग्रामीणों ने दोनों को घेरकर बीईओ को शिकायत दी|

मामला गंभीर होने पर बलरामपुर कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आश्रम अधीक्षक रंजीत कुमार को पद से हटा दिया और शिक्षिका को निलंबित कर दिया। जांच में शिक्षिका की लापरवाही और आश्रम अधीक्षक की अनुशासनहीनता सामने आई है। अधिकारियों ने जल्द ही इस मामले में और कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही हैं

कुमार ने बिना किसी सूचना के प्राथमिक शाला की शिक्षिका को रात में हॉस्टल में ठहराया था। जिसे वहां के छात्रों ने रंगे हाथों पकड़े था। मामले की जानकारी मिलने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने दोनों को आश्रम के अंदर ही घेर लिया। फिर मामले की शिकायत बीईओ को दी गई।

इस संदर्भ में दोनों पर कार्रवाई का आदेश जारी हो गया है। बीईओ को फोन के माध्यम से सम्बंधित अफसरों ने मामले की सूचना दी। जिसमें कहा गया कि, आश्रम अधीक्षक रंजीत कुमार आश्रम में महिला लेकर आए हैं। जो अधीक्षक रंजीत कुमार के साथ अवैधानिक रूप से शासकीय पहाड़ी कोरवा आश्रम में रुकी है।

ग्रामीणों ने आश्रम के अन्दर घेर कर रखा है। जिसके बाद अधिकारी तुरंत पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। पूरे मामले की जांच में शिक्षिका को सिविल सेवा आचरण नियम की जानकारी होने के बाद भी लापरवाही करना पाया गया। बलरामपुर के कलेक्टर ने बड़ी कार्यवाही करते हुए शिक्षिका को निलंबित कर दिया है।शिक्षा को शर्मसार करने वाली घटना: शिक्षक-शिक्षिका पर कड़ी कार्रवाई

वहीं साथ ही हॉस्टल अधीक्षक को भी पद से हटा दिया गया है। जांच रिपोर्ट में आश्रम अधीक्षक पर अमर्यादित और अशोभनीय के साथ-साथ अत्यंत गंभीर और अनुशासनहीनता बताते हुए प्रतिवेदन दिया था। जिसके बाद आश्रम अधीक्षक को मूल पद के लिए विरमित कर दिया गया है। माना जा रहा है कि उनके खिलाफ भी जल्द ही कार्रवाई हो सकती है।

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