फिल्मी स्टाइल में पीछा कर खाद्य विभाग ने पकड़ा पीडीएस चावल से भरा वाहन, राइस मिलर भी हिरासत में

दुर्ग। खाद्य विभाग की टीम ने फिल्मी अंदाज में पीछा कर पीडीएस चावल की कालाबाजारी का बड़ा खुलासा किया है। कार्रवाई के दौरान टीम ने पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) का चावल ले जा रहे वाहन को रोका और अवैध रूप से चावल खरीदने वाले राइस मिलर को भी रंगे हाथों पकड़ लिया।



कैसे पकड़ा गया मामला?
खाद्य विभाग को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि सरकारी कोटे के चावल की अवैध बिक्री हो रही है। टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर एक वाहन का पीछा किया, जो संदिग्ध रूप से बड़ी मात्रा में चावल ले जा रहा था।



वाहन को रोकने के प्रयास में चालक ने गति बढ़ाकर भागने की कोशिश की।

टीम ने तेज रफ्तार में उसका पीछा किया और आखिरकार वाहन को पकड़ने में सफलता पाई।
क्या मिला वाहन से?
वाहन की तलाशी लेने पर उसमें 100 क्विंटल से ज्यादा पीडीएस चावल पाया गया। चावल की बोरियों पर सरकारी मार्किंग साफ तौर पर दिखाई दे रही थी, जिससे पुष्टि हुई कि यह चावल गरीबों को वितरण के लिए आरक्षित था।
राइस मिलर की संलिप्तता
पूछताछ के दौरान वाहन चालक ने कबूल किया कि यह चावल एक राइस मिलर को बेचा जा रहा था। खाद्य विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राइस मिल पर छापा मारा और मिलर को हिरासत में ले लिया।
अवैध धंधे का बड़ा नेटवर्क
जांच में खुलासा हुआ कि राइस मिलर स्थानीय डीलरों और ट्रांसपोर्टरों की मदद से सरकारी चावल की कालाबाजारी कर रहा था। चावल को बाज़ार में ऊंचे दामों पर बेचकर भारी मुनाफा कमाया जा रहा था।
खाद्य अधिकारी का बयान
खाद्य विभाग के अधिकारी ने बताया,
“हमारे पास इस अवैध गतिविधि की शिकायतें लंबे समय से आ रही थीं। आज की कार्रवाई के जरिए हमने इस गोरखधंधे में शामिल कई लोगों की पहचान कर ली है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
आगे की कार्रवाई
वाहन को जब्त कर लिया गया है।
राइस मिलर और वाहन चालक के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। खाद्य विभाग पूरे नेटवर्क की छानबीन कर रहा है।
गरीबों का हक लूटने वालों पर सख्त कार्रवाई
सरकार ने चेतावनी दी है कि पीडीएस चावल की कालाबाजारी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।