रसमड़ा में वायु प्रदूषण को लेकर डॉ. प्रतीक उमरे ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की कड़ी कार्रवाई की मांग

दुर्ग। नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन और भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने रसमड़ा क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अध्यक्ष अमनदीप गर्ग से शिकायत की है। उन्होंने रसमड़ा के उद्योगों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण को नियंत्रित करने और हवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार करने की मांग की है। साथ ही, डॉ. उमरे ने वायु प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों पर कड़ी कार्रवाई की बात भी की है।



डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि रसमड़ा क्षेत्र में फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित धुएं का असर स्थानीय हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी और एसटीएफ बघेरा तक फैल चुका है। इस प्रदूषण का स्तर “गंभीर” हो चुका है, जिससे क्षेत्र के निवासियों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। रात के समय, फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं की बदबू के कारण लोगों के लिए छत पर टहलना और सांस लेना मुश्किल हो गया है।



स्थानीय लोगों ने प्रशासन से बार-बार शिकायतें की हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। इन फैक्ट्रियों से रोजाना भारी मात्रा में धुआं निकलता है, जिससे आसपास के इलाकों की वायु गुणवत्ता बिगड़ रही है और सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। डॉ. उमरे ने आरोप लगाया कि फैक्ट्रियों में प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगाने की आवश्यकता है, लेकिन प्रबंधन के दावे के बावजूद इन उपकरणों का प्रभावी तरीके से संचालन नहीं हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि इन फैक्ट्रियों में निम्न गुणवत्ता वाले ईंधन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे अत्यधिक मात्रा में कार्बन उत्सर्जित हो रहा है और वायु गुणवत्ता खराब हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 50 के भीतर रहता है तो यह सामान्य माना जाता है, लेकिन रसमड़ा में एक्यूआई लगातार बढ़ता जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
डॉ. उमरे ने प्रशासन के ढीले रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि आखिरकार कब तक इन फैक्ट्रियों को इस तरह बिना किसी सख्त कार्रवाई के प्रदूषण फैलाने की अनुमति दी जाएगी।