ब्लड कैंसर से जूझती इशिका बाला ने रचा इतिहास: 10वीं बोर्ड परीक्षा में छत्तीसगढ़ टॉपर बनी
रायपुर | छत्तीसगढ़ में आज 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए गए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जैसे ही परिणामों की घोषणा की, राज्य भर में खुशियों की लहर दौड़ गई।







लेकिन इन सबके बीच सबसे प्रेरणादायक कहानी कांकेर जिले की रहने वाली छात्रा इशिका बाला की रही, जिसने 99.16% अंक प्राप्त कर राज्य में 10वीं बोर्ड की मेरिट सूची में पहला स्थान हासिल किया। खास बात यह है कि इशिका ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है।




कठिन परिस्थितियों में भी दिखाई मिसाल
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गोण्डाहुर, विकासखंड कोयलीबेड़ा, जिला कांकेर की छात्रा इशिका बाला पिछले दो वर्षों से ब्लड कैंसर से पीड़ित है। बीमारी के कारण वह पिछले वर्ष परीक्षा में शामिल नहीं हो पाई, जिससे वह मानसिक रूप से बहुत टूट गई थी। लेकिन उसने हार नहीं मानी और इस वर्ष पूरे जोश और आत्मविश्वास के साथ न केवल परीक्षा दी, बल्कि राज्य भर के लाखों छात्रों के बीच टॉप कर एक नया इतिहास रच दिया।
परिवार की भूमिका और संघर्ष
इशिका के पिता शंकर बाला एक साधारण किसान हैं, और माता इति बाला एक गृहिणी। सीमित संसाधनों और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, परिवार ने कभी इशिका के सपनों में रुकावट नहीं बनने दी। बेटी की बीमारी और पढ़ाई—दोनों की लड़ाई में पूरा परिवार उसकी ताकत बना रहा।
मुख्यमंत्री और राज्यभर से बधाइयाँ
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इशिका की सफलता पर गौरव और भावुकता के साथ बधाई देते हुए कहा, “इशिका जैसे बच्चों से हमें सीखना चाहिए कि सच्ची लगन और हिम्मत से कोई भी परिस्थिति बड़ी नहीं होती। यह न सिर्फ कांकेर जिले बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है।”
हौसले को सलाम
इशिका की यह सफलता सिर्फ अकादमिक नहीं है, बल्कि यह जीवन के प्रति सकारात्मक सोच और जज्बे की जीत है। वह आज लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा बन चुकी है, जो किसी भी कारणवश खुद को कमजोर महसूस करते हैं।